img

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक अहम आदेश जारी करते हुए देशभर के हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्गों) से अवैध अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि सभी संबंधित एजेंसियां इस दिशा में तुरंत कदम उठाएं और तीन महीने के अंदर सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करें।

यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें बताया गया था कि कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुकानों, ढाबों, होटलों और अन्य निर्माणों के कारण सड़क पर यातायात बाधित हो रहा है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है।

अदालत ने यह भी कहा कि सार्वजनिक मार्गों पर अतिक्रमण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह आम लोगों की सुरक्षा और सुविधा से जुड़ा मामला है, इसलिए सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे अतिक्रमण तुरंत हटाए।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के अलावा राज्य सरकारों और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाने को कहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर तय समय में रिपोर्ट नहीं दी गई या अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि जो भी अतिक्रमण हटाए जाएं, उनके पुनर्वास की व्यवस्था भी नियमानुसार की जाए, ताकि किसी को अनावश्यक नुकसान न हो।

यह फैसला आम जनता के लिए राहत की खबर है, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर अतिक्रमण के कारण न केवल जाम की समस्या होती है, बल्कि जानलेवा हादसों का भी खतरा बढ़ता है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर कितना तेजी से काम करती है और क्या अगले तीन महीनों में साफ-सुथरे हाईवे देखने को मिलते हैं।

 

--Advertisement--