
Up Kiran, Digital Desk: सुप्रीम कोर्ट ने केरल के दो प्रमुख विश्वविद्यालयों – एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (KTU) और केरल डिजिटल विश्वविद्यालय – में कुलपति (Vice-Chancellor) की नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद में हस्तक्षेप किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए केरल सरकार और राज्य के राज्यपाल, जो विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं, को वीसी पद के लिए चार-चार नामों का पैनल जमा करने का निर्देश दिया है। इन सूचियों को प्राप्त करने के बाद, न्यायालय स्वयं खोज समितियों (Search Committees) का गठन करेगा ताकि योग्य उम्मीदवारों की पहचान की जा सके।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच वीसी नियुक्तियों की प्रक्रिया को लेकर गतिरोध बना हुआ था। इस विवाद के कारण दोनों विश्वविद्यालय महीनों से अस्थायी नेतृत्व में चल रहे थे। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले पर राज्यपाल से स्थायी कुलपति नियुक्त करने में हो रही देरी के कारणों पर सवाल उठाए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अस्थायी कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर विवाद को आगे न बढ़ाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि विद्यार्थियों के शैक्षणिक हितों को सर्वोपरि रखते हुए, नियुक्तियों में समयबद्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। अदालत ने दोनों पक्षों से आग्रह किया कि वे टकराव के बजाय बातचीत के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाएं। यह हस्तक्षेप तब हुआ जब राज्य सरकार का तर्क था कि विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत नाम प्रस्तावित करने का अधिकार उसका है, जबकि राज्यपाल यूजीसी (University Grants Commission) के नियमों के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया का पालन करने पर जोर दे रहे थे।
--Advertisement--