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मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है। अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उसे 18 दिन की हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। इस पूछताछ के दौरान हमले की साजिश से जुड़े कई अहम खुलासे होने की संभावना है। इस प्रत्यर्पण पर अमेरिका की ओर से आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है।

अमेरिका की प्रतिक्रिया: न्याय सुनिश्चित करना प्राथमिकता

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि तहव्वुर हुसैन राणा को भारत को सौंपा गया ताकि वह 2008 के मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए न्याय का सामना कर सके। उन्होंने कहा कि इन हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों सहित कुल 166 लोगों की जान गई थी, और यह पूरी दुनिया के लिए एक गहरा सदमा था। अमेरिका लंबे समय से भारत के प्रयासों का समर्थन करता रहा है, ताकि इन हमलों के दोषियों को सजा दिलाई जा सके।

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करना जारी रखेंगे, जैसा कि पहले भी कई बार दोहराया गया है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने भी की थी पुष्टि

इससे पहले फरवरी में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि राणा को "न्याय का सामना करने के लिए भारत भेजा जा रहा है।" भारत ने दिसंबर 2019 में अमेरिका से औपचारिक रूप से राणा को सौंपने की मांग की थी।