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Up Kiran, Digital Desk: तमिल सिनेमा और छोटे पर्दे पर अपनी हास्य प्रतिभा से दशकों तक लोगों का दिल जीतने वाले मदन बॉब अब हमारे बीच नहीं रहे। 2 अगस्त 2023 को चेन्नई में 71 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद वे इस दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन अपने पीछे वे यादों का एक खजाना छोड़ गए हैं, जिसे उनके चाहने वाले कभी भुला नहीं पाएंगे।
हास्य के जादूगर, जो हर वर्ग के दिल में बसे
मदन बॉब सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, वे उन कुछ कलाकारों में से थे जिनकी कॉमिक टाइमिंग और सरल हावभाव आम जनता के बेहद करीब थे। चाहे वे किसी बड़े सुपरस्टार के साथ स्क्रीन साझा करें या किसी छोटे किरदार में नजर आएं, उन्होंने हर बार दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। यही वजह है कि आज आम दर्शक से लेकर सिनेमा प्रेमी तक हर कोई उनकी कमी महसूस कर रहा है।
बीमारी से लड़ते हुए भी लोगों को हँसाते रहे
अपने अंतिम वर्षों में मदन बॉब गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। कैंसर की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके नज़दीकी बताते हैं कि उन्होंने आखिरी समय तक हिम्मत और गरिमा के साथ इस लड़ाई का सामना किया। उनके निधन से एक ऐसा चेहरा चला गया, जो अपनी निजी पीड़ा के बावजूद हमेशा दूसरों को हँसाता रहा।
वह कलाकार जो हर भूमिका में ढल गया
मदन बॉब ने अपने करियर की शुरुआत 1984 में 'नींगल केट्टा वै' से की थी और उसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया। 'थेवर मगन', 'थिरुदा थिरुदा', 'फ्रेंड्स', 'जेमिनी', 'चाची 420' और 'वसूल राजा एमबीबीएस' जैसी फिल्मों में उन्होंने जितनी सहजता से कॉमिक रोल निभाए, उतनी ही खूबसूरती से उन्होंने गंभीर किरदार भी निभाए।
टीवी की दुनिया में भी थे बेहद लोकप्रिय
फिल्मों के साथ-साथ टेलीविज़न पर भी उनकी एक मजबूत पहचान थी। सन टीवी के प्रसिद्ध शो "असाथा पोवथु यारु" में बतौर जज उनका अंदाज खासा लोकप्रिय रहा। उनकी तीखी समझ और चुटीले कमेंट्स ने उन्हें घर-घर में पहचाना। कम ही लोग जानते हैं कि वे एक कुशल संगीतकार भी थे और उनका संगीत प्रेम उनकी रचनात्मकता को और गहराई देता था।
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