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Up Kiran, Digital Desk: दुनिया के कई हिस्सों में जहां टैक्स का बोझ लोगों की जेबें हल्की कर रहा है, वहीं कुछ देश ऐसे भी हैं जो अब तक टैक्स के झंझटों से मुक्त रहे हैं। लेकिन यह तस्वीर धीरे-धीरे बदलती नजर आ रही है।

अभी तक ओमान उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल था, जहां आमदनी पर कोई व्यक्तिगत इनकम टैक्स नहीं लिया जाता था। मगर अब हालात बदल रहे हैं। ओमान सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह 2028 से व्यक्तिगत आय पर टैक्स लगाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर अत्यधिक निर्भरता से बाहर निकालने की रणनीति का हिस्सा है।

क्या है ओमान की नई योजना?

ओमान पहले ही उपभोक्ताओं पर 5% वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) लागू कर चुका है और कंपनियों से कॉरपोरेट टैक्स भी वसूला जा रहा है। आने वाले वर्षों में, खासकर उच्च आय वर्ग के लोगों पर इनकम टैक्स लगाया जा सकता है। रिपोर्ट्स की मानें तो यदि किसी की सालाना आमदनी 42,000 ओमानी रियाल (लगभग 93 लाख रुपये) से ज्यादा होगी, तो उस पर 5% टैक्स देना होगा।

किन देशों में टैक्स नहीं लगता?

हालांकि इनकम टैक्स से राहत देने वाले देश अब भी मौजूद हैं। कई ऐसे राष्ट्र हैं जो या तो नागरिकों से बिल्कुल टैक्स नहीं लेते, या फिर टैक्स स्ट्रक्चर इतना आसान है कि उसे 'टैक्स हेवन' कहा जाता है। इनमें प्रमुख नाम हैं:

संयुक्त अरब अमीरात (UAE)

कतर

कुवैत

सऊदी अरब

बहरीन

ब्रुनेई

मोनाको

बाहामास

कायमैन आइलैंड्स

ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स

एंगुइला

ये देश आम तौर पर अपनी आय के लिए पर्यटन, तेल, गैस या वित्तीय सेवाओं पर निर्भर रहते हैं, और नागरिकों को व्यक्तिगत आमदनी पर कर से छूट देते हैं।

टैक्स-फ्री स्वर्ग का भविष्य?

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे देशों के लिए टैक्स न लगाना लंबे समय तक आर्थिक रूप से टिकाऊ नहीं रह सकता। वैश्विक आर्थिक दबाव, विविधिकरण की जरूरत और सरकारी खर्चों में बढ़ोतरी की वजह से अब कई टैक्स-फ्री देश भी अपनी नीतियों पर पुनर्विचार कर रहे हैं। ओमान इसका ताजा उदाहरण है, जहां सरकार आय के नए स्रोत खोजने के लिए टैक्स नीति में बदलाव करने को मजबूर हो रही है।

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