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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को लेकर हाल के दिनों में एक दिलचस्प चर्चा जोर पकड़ रही है। बात ये कि जब भी टीम इंडिया के स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह मैदान से दूर रहते हैं, सिराज का प्रदर्शन खास तौर पर बेहतर नजर आता है। आंकड़े भी इस धारणा को मजबूत करते हैं, लेकिन अब खुद सिराज ने इस पर खुलकर अपनी राय दी है।
रेवस्पोर्ट्स से बातचीत में सिराज ने माना कि जब उन पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है, तो वो और बेहतर प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा, "जब मेरे कंधों पर ज़िम्मेदारी आती है, चाहे सीरीज कितनी भी मामूली क्यों न हो, मेरा खेल खुद-ब-खुद बेहतर हो जाता है। जिम्मेदारी मुझे आत्मविश्वास देती है और मैं इसे पूरी तरह एंजॉय करता हूं।"
"अब इन चर्चाओं पर विराम लगना चाहिए"
बुमराह की अनुपस्थिति में सिराज के उभरते खेल पर चल रही चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दो टूक जवाब दिया। "मैं एजबेस्टन टेस्ट के वक्त से ये सुन रहा हूं कि लोग क्या कह रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि इस बहस को खत्म किया जाए," सिराज ने कहा।
उन्होंने आगे कहा, "मैं खुद को लेकर सजग रहता हूं, लेकिन मैं हर किसी की राय पर ध्यान नहीं देता क्योंकि कोई नहीं जानता कि मैंने किन हालातों से गुज़रकर यहां तक का सफर तय किया है।"
सिराज ने बुमराह की गैरमौजूदगी में अपने प्रदर्शन को टीम के सामूहिक प्रयास का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, "जब जस्सी भाई इंजरी और वर्कलोड के चलते बाहर थे, तो मैंने बॉलिंग यूनिट में पॉजिटिव एनर्जी लाने की कोशिश की। मैं सिर्फ अपने लिए नहीं, आकाश दीप और बाकी गेंदबाजों को भी भरोसा दिलाना चाहता था कि हम यह कर सकते हैं। हम पहले भी कर चुके हैं और फिर कर सकते हैं।"
गौर करने लायक हैं ये आंकड़े
सिराज का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब आंकड़ों की जुबान भी यही कह रही है कि जसप्रीत बुमराह की गैरहाजिरी में वह और ज्यादा धारदार नजर आते हैं। उदाहरण के तौर पर, जब वह बुमराह के साथ मैदान पर होते हैं तो उन्हें हर विकेट के लिए करीब 57 गेंदें फेंकनी पड़ती हैं। लेकिन बुमराह की अनुपस्थिति में यह औसत गिरकर 44 गेंदों पर आ जाता है।
एजबेस्टन और ओवल जैसे बड़े मैचों में सिराज ने पांच-पांच विकेट लेकर टीम इंडिया को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। खास बात यह रही कि इन दोनों मुकाबलों में बुमराह टीम का हिस्सा नहीं थे।
टीममैन सिराज: अकेला नहीं, पूरी यूनिट की बात करते हैं
सिराज की यह सोच उन्हें एक सच्चा टीम प्लेयर बनाती है। उनका मानना है कि बॉलिंग यूनिट की सफलता अकेले किसी एक खिलाड़ी पर नहीं टिकी होती। उन्होंने साफ तौर पर कहा, "मैं जब टीममेट्स की बात करता हूं, तो सिर्फ आकाश दीप की नहीं, पूरी यूनिट की करता हूं। हमें साथ मिलकर काम करना होता है और भरोसे की यही भावना हमें जीत दिलाती है।"
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