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Up Kiran, Digital Desk: त्रिपुरा के राज्यपाल एन. इंद्रसेना रेड्डी ने चिकित्सकों से आह्वान किया है कि वे स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने, खासकर दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए नई तकनीकों को खुले दिल से अपनाएं। वे तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर आयुर्विज्ञान संस्थान (SVIMS) में एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के 50वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे, जहाँ उन्होंने यह महत्वपूर्ण बात कही।

राज्यपाल ने बताया कि आज चिकित्सा विज्ञान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), टेलीमेडिसिन, रोबोटिक्स और बिग डेटा जैसी तकनीकों के कारण तेजी से बदलाव आ रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि ये आधुनिक तकनीकें डॉक्टरों को अधिक सटीक निदान (diagnosis), प्रभावी उपचार (treatment) और व्यक्तिगत चिकित्सा (personalized medicine) प्रदान करने में मदद करती हैं, जिससे मरीजों को बेहतर और संतोषजनक परिणाम मिलते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ इलाज ही नहीं, बल्कि निवारक स्वास्थ्य सेवा (preventive healthcare), चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में भी इन तकनीकों की अपार संभावनाएं हैं। राज्यपाल ने इस बात पर खास जोर दिया कि भले ही तकनीक एक शक्तिशाली उपकरण है, लेकिन यह मानवीय विशेषज्ञता का पूरक होना चाहिए, न कि उसका विकल्प।

रेड्डी ने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे लगातार सीखते रहें और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बिठाएं। उन्होंने याद दिलाया कि नई तकनीकें अपनाते हुए भी चिकित्सा नैतिकता और रोगी देखभाल के मानवीय पहलू को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

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