Up Kiran, Digital Desk: हसनपुर के विधायक तेज प्रताप यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक नया राजनीतिक मंच तैयार किया है जिसका नाम है “बिहार गठबंधन”। तेज प्रताप का मानना है कि असली मुख्यमंत्री जनता ही होती है और वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा से परे होकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं। यह पहल बिहार की राजनीति में बदलाव की उम्मीद जगाती है, खासतौर से उन लोगों के लिए जो नई राजनीतिक दिशा की तलाश में हैं।
समाज सेवा और जनता से सीधा जुड़ाव
तेज प्रताप यादव ने हाल के दिनों में बाढ़ राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि आम जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस सामाजिक जुड़ाव के चलते उन्होंने औपचारिक रूप से अपना नया गठबंधन जनता के सामने रखा है, जिसके अंतर्गत कई छोटे-छोटे दल भी उनके साथ आ रहे हैं। इन दलों का उद्देश्य है बिहार विधानसभा चुनाव को एक नई ऊर्जा और उम्मीद के साथ लड़ना।
राजद से अलगाव और राजनीतिक रिश्ते
राजद से निष्कासित होने के बावजूद तेज प्रताप लगातार राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए भी भले आरोपी हो गए हों, बड़े भाई के रूप में समर्थन की भूमिका निभाई है और उन्हें बधाई दी है। इस कदम से यह भी स्पष्ट होता है कि वे भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर जनता की भलाई को प्राथमिकता दे रहे हैं।
विवाद और नैतिक राजनीति का संदेश
हाल ही में, तेज प्रताप ने कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर बनाए गए विवादित एआई वीडियो की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि माता का सम्मान हर राजनीतिक दल और व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। उन्होंने इस तरह के विवादित व्यवहार को निंदनीय बताया और कहा कि यह राजनीति की मर्यादा का उल्लंघन है।
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