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Up Kiran, Digital Desk: पूर्ण कानूनी फैसले में, एक 71 वर्षीय व्यक्ति को एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के गंभीर अपराध के लिए आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई गई है। यह फैसला एक विशेष POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) अदालत ने सुनाया, जो बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए गठित की गई है।

मामला कुछ समय पहले का है, जब इस 71 वर्षीय व्यक्ति ने एक नाबालिग लड़की के साथ यह जघन्य अपराध किया था। घटना सामने आने के बाद, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और मामले की जांच शुरू की। जांच पूरी होने के बाद, पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र (charge sheet) दायर किया।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ मजबूत सबूत और गवाह पेश किए, जो अपराध साबित करने के लिए निर्णायक थे। बचाव पक्ष ने भी अपनी दलीलें पेश कीं, लेकिन अदालत ने सभी साक्ष्यों और गवाहों पर गहन विचार करने के बाद आरोपी को दोषी पाया।

विशेष POCSO अदालत के न्यायाधीश ने अपराध की गंभीरता और पीड़ित की कम उम्र को देखते हुए 71 वर्षीय दोषी को आजीवन कारावास की कठोरतम सजा सुनाई। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधों को समाज में किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

यह फैसला एक मजबूत संदेश देता है कि कानून बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों से सख्ती से निपटता है, भले ही आरोपी की उम्र कुछ भी हो। यह पीड़ितों को न्याय दिलाने और समाज में ऐसे जघन्य कृत्यों के प्रति निवारक (deterrent) के रूप में कार्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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