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Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना के प्रसिद्ध यादगिरिगुट्टा श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के पास एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और शैक्षिक परियोजना की नींव रखी गई है। मंदिर विकास प्राधिकरण (YTDA) के उपाध्यक्ष जी. किशन राव ने 'श्री लक्ष्मी नरसिम्हा संस्कृत वैदिक विद्यालयम्' के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया है। यह वैदिक स्कूल न केवल वैदिक ज्ञान के संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि छात्रों को प्राचीन शास्त्रों और अनुष्ठानों का गहन अध्ययन करने का अवसर भी प्रदान करेगा।

यह महत्वाकांक्षी परियोजना लगभग 3.32 एकड़ भूमि पर, अंदाज़न 20 करोड़ रुपये की लागत से, 'पवित्र स्थलम्' (Pavitra Sthalam) नामक एक विशाल धार्मिक परिसर के भीतर स्थापित की जाएगी। वैदिक विद्यालय के साथ-साथ, परिसर में एक विशाल यज्ञशाला, एक भव्य ध्यान केंद्र और एक विशाल गोशाला भी बनाई जाएगी। 

यज्ञशाला वह स्थान होगा जहाँ विभिन्न वैदिक अनुष्ठान और यज्ञ संपन्न किए जाएंगे, जबकि ध्यान केंद्र आगंतुकों को शांतिपूर्ण वातावरण में ध्यान करने का अवसर देगा। गोशाला भारतीय संस्कृति में गायों के महत्व को दर्शाएगी और उनकी देखभाल सुनिश्चित करेगी।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य वैदिक परंपराओं को पुनर्जीवित करना और उन्हें अगली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। इस स्कूल में छात्रों को वेदों, उपनिषदों, पुराणों और अन्य संस्कृत ग्रंथों का गहन अध्ययन कराया जाएगा। यह न केवल धार्मिक शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि भारतीय ज्ञान प्रणाली के प्रति जागरूकता और सम्मान भी बढ़ाएगा।

वाईटीडीए (YTDA) द्वारा लिया गया यह कदम यादगिरिगुट्टा को एक प्रमुख तीर्थस्थल के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और शैक्षिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह परियोजना सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्राचीन भारतीय ज्ञान के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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