
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना में, मादिगा समुदाय से आने वाले विधायकों ने राज्य कैबिनेट में अपने समुदाय के लिए प्रतिनिधित्व की मांग को तेज़ कर दिया है। यह मांग इस समुदाय के लिए राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और सरकारी नीतियों व निर्णयों में उनकी आवाज़ उठाने के महत्व को रेखांकित करती है।
मादिगा दलित समुदाय की एक महत्वपूर्ण उप-जाति है और उनका मानना है कि कैबिनेट में उनका प्रतिनिधित्व होना चाहिए ताकि वे अपने समुदाय की विशिष्ट समस्याओं और आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से सामने रख सकें और उनके समाधान के लिए काम कर सकें। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में, विभिन्न समुदायों और वर्गों का सरकार में उचित प्रतिनिधित्व होना उनकी राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।
विधायकों द्वारा इस मांग को तेज़ करना बताता है कि वे इस मुद्दे पर गंभीर हैं और वे पार्टी नेतृत्व पर दबाव बना रहे हैं कि कैबिनेट विस्तार या फेरबदल के समय उनके समुदाय के किसी योग्य विधायक को शामिल किया जाए। यह कदम राजनीतिक गलियारों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यह दर्शाता है कि राज्य के राजनीतिक समीकरणों में विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व कितना अहम है।
कैबिनेट पद की मांग केवल एक व्यक्तिगत या कुछ विधायकों के लिए नहीं है, बल्कि यह मादिगा समुदाय की राजनीतिक सशक्तिकरण और राज्य की विकास प्रक्रियाओं में सक्रिय भागीदारी की इच्छा को दर्शाता है। अब यह देखना बाकी है कि सत्ताधारी दल इस बढ़ती मांग पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या मादिगा समुदाय को राज्य कैबिनेट में वह जगह मिलती है जिसकी वे मांग कर रहे हैं।
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