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Up Kiran,Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस कायराना हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस आतंकी साजिश की तह तक जाने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है। एजेंसी ने न केवल आधिकारिक तौर पर मामला दर्ज कर लिया है बल्कि हमले के दिन से ही सबूतों की तलाश और प्रत्यक्षदर्शियों से गहन पूछताछ भी शुरू कर दी है। और इस जांच में एक ऐसा चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है जो इस हमले की क्रूरता को और भी भयावह बना देता है: दहशतगर्दों ने इस पूरे नरसंहार को अपने शरीर पर बंधे बॉडी कैमरों से रिकॉर्ड किया था!

NIA की पैनी नज़र चश्मदीदों से पूछताछ तेज

एनआईए से जुड़े उच्च अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने जम्मू में तत्काल प्रभाव से मामला दर्ज किया और घटनास्थल पर पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी। स्थानीय पुलिस भी इस जांच में एनआईए की पूरी मदद कर रही है। जांच दल पहलगाम के बैसरन और आसपास के इलाकों के हर एंट्री और एग्जिट पॉइंट का बारीकी से मुआयना कर रहा है ताकि हमले की पूरी तस्वीर को जोड़ा जा सके।

प्रारंभिक जांच में जो बातें सामने आई हैं वो और भी चिंताजनक हैं। एनआईए अधिकारियों के अनुसार इस हत्याकांड में लगभग 5 से 7 आतंकवादी शामिल थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इन दहशतगर्दों को कम से कम दो स्थानीय लोगों ने मदद की थी जिन्होंने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली थी। सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तानी नागरिक के रूप में पहचाने गए तीन दहशतगर्दों के स्केच भी जारी किए हैं जिससे उनकी पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास तेज हो गए हैं।

एनआईए की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एंटी-टेरर एजेंसी के एक आईजी एक डीआईजी और एक एसपी स्तर के अधिकारी खुद इस जांच की निगरानी कर रहे हैं। उनकी टीमें उन चश्मदीदों से लगातार पूछताछ कर रही हैं जिन्होंने पहलगाम की शांत और खूबसूरत बैसरन घाटी में अपनी आंखों के सामने इस भयानक मंजर को देखा था। इन प्रत्यक्षदर्शियों के बयान जांच के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

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