
Up Kiran, Digital Desk: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर एक लैंडमाइन (बारूदी सुरंग) विस्फोट के बाद अचानक से तनाव बढ़ गया है। इस घटना के बाद थाईलैंड ने आनन-फानन में कंबोडिया के साथ अपनी सीमा को बंद कर दिया है और यहां तक कि अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया है। यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों में गंभीर गिरावट का संकेत है और क्षेत्र में चिंता का माहौल पैदा कर रहा है।
क्या हुआ और क्यों बढ़ा तनाव? सीमावर्ती क्षेत्र में एक लैंडमाइन विस्फोट हुआ, जिसके परिणामस्वरूप कुछ लोग हताहत हुए या प्रभावित हुए। इस घटना के बाद थाईलैंड ने आरोप लगाया है कि कंबोडिया इस क्षेत्र में अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहा है या उसकी ओर से कोई उकसावे वाली कार्रवाई हुई है। यह विस्फोट ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच पहले से ही लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है।
थाईलैंड के कड़े कदम:
सीमा बंद: थाईलैंड ने तुरंत कंबोडिया के साथ अपनी सभी सीमा चौकियों को बंद करने का आदेश दे दिया है। इसका मतलब है कि अब दोनों देशों के बीच लोगों और व्यापार का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। इससे सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों और व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा।
राजदूत वापस बुलाया: राजनयिक संबंधों में यह एक बहुत ही गंभीर कदम माना जाता है। अपने राजदूत को वापस बुलाकर थाईलैंड ने कंबोडिया को अपनी नाराजगी और विरोध का स्पष्ट संकेत दिया है। यह दर्शाता है कि थाईलैंड इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रहा है और वह इस पर कड़ा रुख अपनाने को तैयार है।
आगे क्या? दोनों देशों के बीच यह तनाव ऐसे समय में बढ़ा है जब सीमा विवादों को लेकर पूर्व में भी कई बार झड़पें और गतिरोध देखे गए हैं। लैंडमाइन जैसी घटनाएँ, जहाँ अक्सर पुराने युद्धों की विरासत अभी भी मौजूद है, ऐसे विवादों को फिर से भड़का सकती हैं।
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