Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, राज्य की सियासत में एक ऐसे दिग्गज नेता ने चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) की तारीफ कर दी है, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. राज्यसभा के उपसभापति और JDU के वरिष्ठ नेता हरिवंश नारायण सिंह ने प्रशांत किशोर और उनकी 'जन सुराज' यात्रा की जमकर प्रशंसा की है. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि PK "कुछ सीटें तो जीत ही सकते हैं," जो बिहार की राजनीति में एक बड़ी हलचल पैदा कर गया है.
सिर्फ PK ही कर रहे हैं जमीनी काम: एक पत्रकार और राजनीति के गहरे जानकार के तौर पर पहचाने जाने वाले हरिवंश ने प्रशांत किशोर के काम करने के तरीके की सराहना की. उन्होंने कहा, "आज बिहार में प्रशांत किशोर को छोड़कर कोई भी नेता या पार्टी वैसा जमीनी काम नहीं कर रही है, जैसा पहले के जमाने में कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता किया करते थे."
उन्होंने कहा, "PK हर ब्लॉक, हर पंचायत में जा रहे हैं. वह लोगों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याएं सुन रहे हैं और सही उम्मीदवारों को खड़ा करने की एक नई व्यवस्था बना रहे हैं. इस तरह की मेहनत आज की राजनीति से गायब हो चुकी है."
JDU के लिए क्यों है यह असहज करने वाली तारीफ?
हरिवंश का यह बयान इसलिए बहुत बड़ा है क्योंकि वह खुद JDU के सांसद हैं, और उनकी पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है. PK कई मौकों पर नीतीश कुमार की नीतियों की तीखी आलोचना कर चुके हैं. ऐसे में अपनी ही पार्टी लाइन से अलग जाकर J-D-U के इतने बड़े नेता का प्रशांत किशोर की तारीफ करना, बिहार की राजनीति में कई नए समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है.
हालांकि हरिवंश ने यह भी जोड़ा कि बिहार की राजनीति बहुत जटिल है और सिर्फ जमीनी काम से चुनाव नहीं जीता जा सकता. लेकिन उन्होंने यह मानने में कोई संकोच नहीं किया कि प्रशांत किशोर की मेहनत असर दिखा रही है.
क्या PK सच में जीतेंगे सीटें: हरिवंश ने भविष्यवाणी करते हुए कहा, "हो सकता है कि वह (प्रशांत किशोर) कुछ सीटें जीत जाएं."
JDU के एक मौजूदा राज्यसभा सांसद और उपसभापति के मुंह से निकले ये शब्द प्रशांत किशोर और उनकी 'जन सुराज' पार्टी के लिए एक बड़ी नैतिक जीत हैं. यह इस बात का संकेत है कि बिहार का स्थापित राजनीतिक खेमा अब प्रशांत किशोर को सिर्फ एक 'चुनावी रणनीतिकार' मानकर खारिज नहीं कर सकता. उन्हें अब एक ऐसे नेता के रूप में देखा जा रहा है जो अपनी मेहनत से बिहार के राजनीतिक समीकरणों में सेंध लगा सकता है.
अब देखना यह होगा कि क्या हरिवंश की यह भविष्यवाणी सच साबित होती है और क्या प्रशांत किशोर की 'जन सुराज' यात्रा वोटों में तब्दील हो पाएगी.

_1035252646_100x75.jpg)
_966591976_100x75.jpg)
_744697955_100x75.jpg)
_1500699965_100x75.jpg)