
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 'उल्लास' (Understanding of Lifelong Learning for All in Society) कार्यक्रम की जमकर तारीफ की। यह कार्यक्रम उन वयस्कों के लिए आशा की एक नई किरण लेकर आया है जो किसी कारणवश अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे। प्रधानमंत्री ने एक लेख साझा करते हुए बताया कि कैसे यह योजना देश में, खासकर गांवों और महिलाओं के बीच, शिक्षा का उजियारा फैला रही है।
क्या है यह उल्लास कार्यक्रम: साल 2022 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गई थी। इसका सीधा सा मकसद है - देश के हर उस वयस्क नागरिक तक शिक्षा का अवसर पहुंचाना जो पढ़ना-लिखना सीखना चाहता है। इस कार्यक्रम के जरिए सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और हर किसी को जीवन भर कुछ नया सीखने का अधिकार है।
इस कार्यक्रम का सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण इलाकों और उन महिलाओं को मिला है, जिन्हें कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिल पाया।
सरकार क्यों कर रही है इसकी तारीफ?
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने एक लेख में बताया है कि 'उल्लास' कार्यक्रम के प्रभाव से ग्रामीण और महिला साक्षरता में जबरदस्त उछाल आया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनके इसी लेख को साझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता से भारत संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के तहत 2030 तक साक्षरता का लक्ष्य हासिल करने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
हिमाचल प्रदेश बना नया साक्षर राज्य
इस कार्यक्रम की सफलता का एक बड़ा उदाहरण हाल ही में देखने को मिला जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया। हिमाचल यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का चौथा राज्य बन गया है। इससे पहले त्रिपुरा, मिजोरम और गोवा यह मील का पत्थर हासिल कर चुके हैं। वहीं, लद्दाख देश का पहला पूर्ण साक्षर केंद्र शासित प्रदेश बना था।
धर्मेंद्र प्रधान ने इसे सरकार, समाज और स्वयंसेवकों के सामूहिक प्रयास की जीत बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि शिक्षा ही किसी भी सभ्यता की नींव होती है और हमें एक साक्षर, आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने के लिए फिर से प्रतिबद्ध होने की जरूरत है।
इस साल अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का विषय भी "डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना" था, जो यह दर्शाता है कि आज के समय में पढ़ने-लिखने के साथ-साथ डिजिटल तकनीक की समझ होना कितना जरूरी है। 'उल्लास' कार्यक्रम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण और सफल कदम साबित हो रहा है।