
इस सप्ताह, अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों—फोर्डो, नटांज़ और इज़फाहान—पर बंकर-बस्टर बम और टोमहॉक मिसाइलों से हमला किया । अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसे एक “विशाल सैन्य सफलता” बताया और चेतावनी दी कि यदि ईरान शांति नहीं चाहता, तो आग और भयंकर हो सकती है ।
इस हिंसक कार्रवाई के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से फोन पर संपर्क किया। पीएमओ के अनुसार, मोदी ने राष्ट्रपति से कहा कि इस तनावपूर्ण स्थिति से सभी को सावधान रहना चाहिए। उन्होंने आक्रामकता को रोकने, मानवीय सहायता जारी रखने और क्षेत्र में शांति बहाल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मोदी ने ट्वीट किया:
> “पश्चिम एशिया के कठिन हालात और अमेरिकी हमले से उत्पन्न स्थिति पर ईरान के राष्ट्रपति के साथ दृष्टिकोण साझा किया। हिंसा और नागरिकों को हो रही क्षति गहरी चिंता का विषय है।”
उन्होंने कूटनीतिक विचारों के आदान‑प्रदान, द्विपक्षीय सहयोग खासकर चाबहार बंदरगाह जैसे क्षेत्रीय परियोजनाओं पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सहमति व्यक्त की ।
इस वार्ता का महत्व
1. मानवीय पहल – पीएम मोदी ने अमेरिकी हमले के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोச்ச प्राथमिकता बताया।
2. क्षेत्रीय सहयोग – चाबहार बंदरगाह जैसे प्रोजेक्ट्स पर चर्चा से इस क्षेत्र में आर्थिक साझेदारी की दिशा बनी।
3. शांति पहल – द्विपक्षीय सहमति ने यह संदेश दिया कि भारत तनाव कम करने और कूटनीतिक समाधान खोजने के पक्ष में है।
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