img

Up Kiran, Digital Desk:  आतंकवाद और उसके मददगारों की कमर तोड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों ने घाटी में अब तक का सबसे बड़ा तलाशी और धरपकड़ अभियान चलाया है. सोमवार और मंगलवार को, दो दिनों के अंदर, पूरे कश्मीर में 200 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई. इस मेगा ऑपरेशन में पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है.

यह कार्रवाई उन रिपोर्ट्स के बाद की गई है जिनमें बताया गया था कि आतंकी संगठन घाटी में एक बार फिर सक्रिय होने और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. यह ऑपरेशन घाटी में फैले आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) यानी जमीनी स्तर पर मदद करने वाले नेटवर्क को खत्म करने के लिए किया जा रहा है.

कहां-कहां हुई कार्रवाई?

यह ऑपरेशन सिर्फ किसी एक जिले तक सीमित नहीं था. इसे बारामूला, कुपवाड़ा, सोपोर, बडगाम और अनंतनाग समेत पूरे कश्मीर के अलग-अलग जिलों में एक साथ अंजाम दिया गया. सुरक्षाबलों ने इन इलाकों में पहले से चिन्हित किए गए संदिग्धों के घरों और ठिकानों पर सुबह-सुबह ही दबिश दी.

हिरासत में लिए गए लोगों में OGWs, आतंकियों के पुराने साथी और वो लोग शामिल हैं जिन पर युवाओं को आतंक की राह पर भड़काने का शक है.

क्यों जरूरी था यह बड़ा ऑपरेशन?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई कई वजहों से बेहद जरूरी थी:

युवाओं की भर्ती पर रोक: आतंकी संगठन घाटी के युवाओं को गुमराह करके अपने साथ मिलाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए यह ऑपरेशन चलाया गया.

हथियारों और फंड की सप्लाई को काटना: ये OGWs ही आतंकियों तक हथियार, पैसा और छिपने के लिए सुरक्षित ठिकाने पहुंचाते हैं. इनकी गिरफ्तारी से आतंकियों की सप्लाई लाइन कट जाएगी.

घाटी में शांति बनाए रखना: हाल के दिनों में घाटी में आतंकी गतिविधियों में फिर से तेजी लाने की कोशिश की जा रही थी. किसी भी बड़ी घटना को होने से पहले ही रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "आतंकवाद के इकोसिस्टम को पूरी तरह से खत्म करना हमारी पहली प्राथमिकता है. हम किसी को भी घाटी की शांति भंग करने की इजाजत नहीं देंगे."

इस बड़ी कार्रवाई के बाद पूरे कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है. सुरक्षाबलों का कहना है कि आतंक और उसके मददगारों के खिलाफ इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे.