Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, जो कभी भारत की धड़कन थी, अब एक खौफनाक 'व्हाइट कॉलर टेरर' (White Collar Terror) के काले सच का सामना कर रही है! हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम धमाके (Delhi blast) की जांच में हर रोज़ नए और बेहद चिंताजनक खुलासे हो रहे हैं. सबसे ताजा जानकारी ने तो हर किसी को चौंका दिया है: जांच एजेंसियों के हाथ एक ऐसी नई तस्वीर (new picture) लगी है, जिसमें दिल्ली का आत्मघाती हमलावर 'उमर' (Umar) डॉक्टर के कोट (doctor's coat) में नज़र आ रहा है! यह बताता है कि आतंक अब केवल अनजान चेहरों में ही नहीं, बल्कि समाज के पढ़े-लिखे तबके में भी घुसपैठ कर रहा है. यह एक ऐसा नया और भयानक ट्रेंड है, जो देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है.
कौन है ये 'डॉक्टर' उमर और कैसे छिपा था इसका सच?
किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक 'सभ्य और शिक्षित' दिखने वाला व्यक्ति ऐसी खतरनाक साजिश का हिस्सा हो सकता है. आतंकी आत्मघाती हमलावर उमर की यह नई तस्वीर, जिसमें वह डॉक्टर के सफेद कोट में दिख रहा है, कई बड़े सवाल खड़े करती है:
- आतंक की नई रणनीति: यह दिखाता है कि आतंकवादी अब अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए केवल गरीब या कम पढ़े-लिखे लोगों का इस्तेमाल नहीं कर रहे, बल्कि समाज के उच्च वर्गों और पेशे से जुड़े लोगों को भी अपने जाल में फंसा रहे हैं. इसे ही 'व्हाइट कॉलर टेररिज्म' कहा जा रहा है, जहां आतंकी पढ़े-लिखे लोगों का इस्तेमाल कर सुरक्षा एजेंसियों को धोखा देने की कोशिश करते हैं.
- धोखाधड़ी का खतरनाक जाल: डॉक्टर के रूप में दिखने से उमर ने न सिर्फ लोगों का भरोसा जीता होगा, बल्कि शायद उसने अपने इस भेष का इस्तेमाल किसी बड़े और गोपनीय नेटवर्क का हिस्सा बनने के लिए भी किया हो. इससे उसके इरादों पर पर्दा पड़ा रहा और वह बिना किसी शक के अपनी साजिशों को अंजाम दे पाता रहा.
- सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती: यह नई तस्वीर सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है, क्योंकि अब उन्हें केवल बाहरी खतरों पर ही नहीं, बल्कि समाज के अंदर छिपे ऐसे 'व्हाइट कॉलर' आतंकियों पर भी कड़ी निगरानी रखनी होगी. कौन सच्चा है और कौन सिर्फ भेष बदलकर बैठा है, इसका पता लगाना अब और भी मुश्किल हो गया है.
जांच एजेंसियां अब इस 'डॉक्टर' उमर के हर पहलू को खंगाल रही हैं - उसके पिछले ठिकाने, उसकी पढ़ाई-लिखाई, उसके संपर्क और किस तरह उसे कट्टरपंथी बनाया गया. यह समझना बेहद ज़रूरी है कि ऐसे शिक्षित लोग आखिर आतंक के जाल में कैसे फंस रहे हैं. दिल्ली धमाका अब सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा 'वेक-अप कॉल' (wake-up call) है, जो बताता है कि आतंकी अपनी रणनीति कैसे बदल रहे हैं और वे हमारे समाज के सबसे सभ्य तबके में भी घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं.
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