
Up Kiran, Digital Desk: कभी वीरान, पथरीली और नाग-बिच्छुओं से भरी यह ज़मीन आज भारतीय सिनेमा का एक प्रतिष्ठित केंद्र बन गई है। यह कोई कहानी नहीं, बल्कि हैदराबाद के ज्यूबिली हिल्स में स्थित अन्नपूर्णा स्टूडियोज़ की 50 साल की अविश्वसनीय यात्रा है। आज जब अन्नपूर्णा स्टूडियोज़ अपनी 50वीं वर्षगांठ मना रहा है, तो यह देखना वाकई प्रेरणादायक है कि कैसे एक दूरदर्शी अभिनेता के सपने ने पूरे तेलुगु सिनेमा को एक नई दिशा दी।
'अन्नपूर्णा स्टूडियोज़' का जन्म: एक दूरदर्शी सपने की नींव
आज से ठीक 50 साल पहले, 13 अगस्त 1975 को, लीजेंड्री अभिनेता अक्किनेनी नागेश्वर राव (ANR) गारू ने इस बंजर ज़मीन पर अन्नपूर्णा स्टूडियोज़ की नींव रखी। उस समय ज्यूबिली हिल्स में न तो सड़कों का नामोनिशान था, न ही लोगों की आवाजाही। चारों ओर सिर्फ पत्थर, झाड़ियाँ और सांप ही नज़र आते थे। लेकिन ANR गारू का एक पक्का विश्वास था: तेलुगु सिनेमा को अपनी ही धरती पर एक मज़बूत आधार मिलना चाहिए। इसी सोच के साथ उन्होंने हैदराबाद को तेलुगु सिनेमा का घर बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया। यह वो चिंगारी थी जिसने ज्यूबिली हिल्स, फिल्म नगर और कृष्णा नगर के निर्माण को जन्म दिया और हैदराबाद के फिल्म इकोसिस्टम का भविष्य तय किया।
अधिकारिक उद्घाटन से लेकर विश्वस्तरीय सुविधाएँ
14 जनवरी 1976 को, भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति, फखरूद्दीन अली अहमद ने अन्नपूर्णा स्टूडियोज़ का आधिकारिक उद्घाटन किया। तब से, यह स्टूडियो लगातार विकास करता रहा। आज, यह कई शूटिंग फ्लोर्स, आउटडोर सेट और विश्वस्तरीय पोस्ट-प्रोडक्शन सुविधाओं से सुसज्जित है। ANR गारू की अपनी पत्नी अन्नपूर्णा के नाम पर रखा गया यह स्टूडियो, तेलुगु फिल्म उद्योग को चेन्नई से हैदराबाद स्थानांतरित करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ।
युवा प्रतिभाओं को मंच: अन्नपूर्णा कॉलेज ऑफ़ फिल्म एंड मीडिया
युवा प्रतिभाओं को पोषित करने के अपने विज़न को साकार करते हुए, स्टूडियो ने अन्नपूर्णा कॉलेज ऑफ़ फिल्म एंड मीडिया की स्थापना की। यह संस्थान अभिनय से लेकर निर्देशन, सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग और साउंड डिज़ाइन तक सब कुछ सिखाता है। आज, यह कॉलेज फिल्म निर्माण के क्षेत्र में नई पीढ़ी को तैयार करने का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।
50 वर्षों का गौरव: एक 'ड्रीम फैक्ट्री' का उत्कर्ष:जब ANR गारू ने यह स्टूडियो शुरू किया था, तो कई सालों तक यह घाटे में चला। लेकिन ANR गारू और बाद में उनके बेटे नागार्जुन ने हार नहीं मानी। आज, अन्नपूर्णा स्टूडियोज़ भारतीय सिनेमा के सबसे सम्मानित रचनात्मक स्थानों में से एक है। यह केवल एक स्टूडियो नहीं, बल्कि रचनात्मकता, संस्कृति और सिनेमाई उत्कृष्टता का प्रतीक है। 50 साल की इस यात्रा में, अन्नपूर्णा स्टूडियोज़ ने तेलुगु सिनेमा की तकदीर बदल दी है और हैदराबाद को एक प्रमुख फिल्म हब के रूप में स्थापित किया है। यह ANR गारू के अटूट विज़न और अक्किनेनी परिवार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो आज भी इस विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
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