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Up Kiran, Digital Desk: भारत ने 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games 2030) की मेजबानी के लिए अपनी दावेदारी को औपचारिक रूप से मजबूत कर दिया है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने आज इस महत्वपूर्ण बिड को अपनी मंजूरी दे दी है। यह भारत के खेल जगत के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि अब देश इस प्रतिष्ठित मल्टी-स्पोर्ट इवेंट की मेजबानी के लिए अपनी बोली जमा करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

IOA की मंजूरी और 31 अगस्त की डेडलाइन

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की हालिया बैठक में यह फैसला लिया गया कि भारत 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए अपनी बोली (bid) प्रस्तुत करेगा। इस मंजूरी के साथ ही, IOA ने बिड से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेजों को जमा करने के लिए 31 अगस्त की अंतिम तिथि तय की है। यह मंजूरी भारत के लिए खेलों के आयोजन के सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्यों खास है यह मेजबानी की बोली?

राष्ट्रमंडल खेल दुनिया के सबसे बड़े बहु-खेल आयोजनों में से एक हैं, जिसमें राष्ट्रमंडल देशों के एथलीट भाग लेते हैं। 2030 में इन खेलों की मेजबानी करना भारत के लिए न केवल खेल के बुनियादी ढांचे को और विकसित करने का अवसर होगा, बल्कि यह देश की वैश्विक खेल कूटनीति में स्थिति को भी मजबूत करेगा। भारत पहले भी 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों का सफल आयोजन कर चुका है, जिसने देश की मेजबानी क्षमता को दुनिया के सामने रखा था।

आगे की राह: क्या है बिडिंग प्रक्रिया?

31 अगस्त की डेडलाइन तक IOA को राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (Commonwealth Games Federation - CGF) को सभी आवश्यक बिडिंग डॉक्यूमेंट्स जमा करने होंगे। इन दस्तावेजों में मेजबानी के लिए भारत की योजनाएं, बुनियादी ढांचा, वित्तीय गारंटी और सुरक्षा व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का विवरण शामिल होगा। इसके बाद CGF विभिन्न देशों की बोलियों का मूल्यांकन करेगा और अगले कुछ वर्षों में मेजबान शहर का चयन करेगा।

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