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हिंदुस्तान के मून मिशन चंद्रयान तीन के साथ साथ रूस का मून मिशन लूना 25 भी चांद की सतह पर उतरने के लिए आगे बढ़ रहा था। मगर खबरों के अनुसार लूना 25 की लैंडिंग से पहले ही तकनीकी खामी के चलते फेल हो गया है। जिसके बाद रूस को बड़ा झटका लगा है। इसी बीच बताया जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को इस मून मिशन के फेल होने का अंदेशा था। बावजूद इसके उन्होंने क्यों इस मिशन को इजाजत दी थी।

खबरों के अनुसार रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉकेट कॉसमॉस के बॉस यूरी बोरिसोव ने जून में राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को बताया था कि यह अभियान जोखिम भरा हो सकता है। उन्होंने बताया था कि इस अभियान के सफल होने की संभावना सिर्फ 70 फीसदी है जबकि असफल होने का प्रतिशत 30 फीसदी है।

यही नहीं, रूस चाहता था कि भारतीय चंद्रयान तीन के मुकाबले भले ही देरी से लॉन्च किया है, लेकिन वह चंद्रयान तीन से पहले चांद पर लैंडिंग कर ले, इसके लिए इस मिशन पर करीब 1600 करोड़ की लागत लगेगी। रूस ने यह सब जानने के बाद इस अभियान को हरी झंडी दे दी है। वह राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की मंजूरी मिलने के बाद लूना 25 को 10 अगस्त को वोस्तोक कॉस्मोड्रोम से लॉन्च कर दिया गया। बीते बुधवार को इसे चांद की और भी में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया था।

इस यान को 21 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी। लेकिन एक दिन पहले ही 20 अगस्त को यह है चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी कॉस्मोस का कहना है कि चंद्रमा पर उतरने से पहले जांच के दौरान लूना 25 से जुड़ी तकनीकी खराबी की जानकारियां मिली थी। काफी प्रयास करने के बावजूद इस खामी को ठीक नहीं किया जा सका, जिस कारण यह यान चंद्रमा की सतह पर ही क्रैश हो गया।  

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