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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय खेलों में अब जल्द ही एक नया दौर शुरू होने वाला है! केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया ने संसद में एक महत्वपूर्ण 'स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल' पेश किया है। इसका मुख्य मकसद खेल संघों में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी लाना है, ताकि खिलाड़ियों और खेल के समग्र विकास को बढ़ावा मिल सके।

भारत में खेलों की दुनिया में अक्सर पारदर्शिता की कमी, कुप्रबंधन और खिलाड़ियों के हितों की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं। कई बार देखा गया है कि खेल संघों पर कुछ लोग दशकों तक काबिज रहते हैं और पैसों का हिसाब-किताब भी साफ नहीं होता। खिलाड़ियों को भी अपनी आवाज उठाने में दिक्कत आती थी, जिससे उनकी प्रतिभा प्रभावित होती थी और देश को भी नुकसान होता था।

यह नया बिल इन्हीं सभी समस्याओं से निपटने की कोशिश करेगा। इसमें खेल संघों के चुनावों को और निष्पक्ष बनाने, पैसों के लेन-देन पर कड़ी निगरानी रखने और खिलाड़ियों की शिकायतों को तुरंत सुनने के प्रावधान होंगे। अब खिलाड़ियों की आवाज को भी सुना जाएगा और उन्हें संघों में सही प्रतिनिधित्व मिलेगा। यह बिल सुनिश्चित करेगा कि खेल संघ अपने काम में अधिक जिम्मेदार और खुले रहें।

मंडविया ने इस बात पर जोर दिया कि मजबूत और पारदर्शी खेल प्रशासन ही भारत को वैश्विक खेल मंच पर अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन करने में मदद करेगा। जब खेल संघ ठीक से काम करेंगे, तो प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और वे बिना किसी डर के अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

इस बिल का अंतिम लक्ष्य भारत में एक ऐसी खेल संस्कृति को मजबूत करना है जहां हर खिलाड़ी को उचित मौका मिले, भ्रष्टाचार पर लगाम लगे और खेल ईमानदारी के साथ आगे बढ़ें। यह बिल भारतीय खेलों में एक नए सवेरे की उम्मीद जगाता है, जहां पारदर्शिता और खिलाड़ियों का कल्याण सबसे ऊपर होगा।

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