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Up Kiran , Digital Desk: गौतम बुद्ध जयंती के अवसर पर सोमवार को अवनीगड्डा विधानसभा क्षेत्र के बौद्ध स्थल घण्टाशाला स्थित रेक्लाइनिंग बुद्धा प्रोजेक्ट परिसर में राज्य रचनात्मक संस्कृति समिति तथा भाषा एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान में भव्य समारोह का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रभारी कलेक्टर गीतांजलि शर्मा ने कहा कि जिले के दो प्रमुख क्षेत्रों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। एक है मंगिनापुडी बीच और दूसरा है घंटाशाला, जिसे पर्यटन सर्किट में शामिल किया जाना है, जिसका उद्देश्य रिक्लाइनिंग बुद्धा परियोजना को पूरा करना है।

अवनीगड्डा विधायक मंडली बुद्ध प्रसाद ने बताया कि गौतम बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे अपने हृदय में उत्पन्न ज्ञान के प्रकाश को साझा करने के संकल्प के साथ अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की थी और उनका जन्म, ज्ञान और महापरिनिर्वाण सभी वैशाख पूर्णिमा को हुए थे।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पुरालेख प्रभाग के निदेशक के मुनिरत्नम रेड्डी ने बताया कि छह महीने पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी मांगी थी। भारत का नाम कैसे पड़ा, इस पर संसदीय चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह को एक प्रेस बयान जारी करना था। घंटाशाला के खेतों में मिले एक छतरी शिलालेख में "भारत" का उल्लेख है, और यह बात उन्हें बता दी गई।

उन्होंने कहा कि घंटाशाला पहली शताब्दी ई. से ही अत्यधिक महत्वपूर्ण रही है। धरणीकोटा में पाए गए बौद्ध शिलालेख आंध्र प्रदेश को गुजरात से जोड़ते हैं।

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की पहल पर लंकामल वन क्षेत्र में शोध के दौरान 27 बौद्ध शिलालेख मिले। तेलंगाना के कर्रेगुट्टा गुंडारम वन क्षेत्र में पुलिस की सहायता से 11 शिलालेख दर्ज किए गए। इसके अलावा, प्रमुख बौद्ध विद्वान बोर्रा गोवर्धन द्वारा लिखित बुद्ध भूमि पत्रिका का भी अनावरण किया गया।

पूर्व राज्यसभा सदस्य कनकमेदाला रवींद्र कुमार, राज्य भाषा और संस्कृति विभाग के निदेशक मल्लिकार्जुन राव, विशेष अधिकारी एमईपीएमए पीडी साईबाबू, कृष्णा जिला लेखक संघ के अध्यक्ष गुथिकोंडा सुब्बाराव, राज्य नाटक अकादमी के अध्यक्ष गुम्माडी गोपालकृष्ण ने भी भाग लिया।

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