
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक (Karnataka) के धर्मस्थल (Dharmasthala) के पास एक घने वन क्षेत्र (forested stretch) में चल रही कथित सामूहिक दफन मामले (alleged mass burial case) की जांच में बुधवार को एक सनसनीखेज नया मोड़ आया. विशेष जांच दल (Special Investigation Team - SIT) ने उस गुमनाम शिकायतकर्ता (anonymous complainant) के साथ फिर से जंगल का दौरा किया, जिसने इस पूरे मामले को उजागर कर देश भर में हलचल मचा दी थी. यह मामला पिछले दो दशकों से इस पवित्र स्थल के आसपास फैले सामूहिक हत्याओं और गुप्त दफन के बेहद गंभीर आरोपों से जुड़ा है.
शिकायतकर्ता ने खोला नया 'राज': 'स्पॉट 11ए' पर मिले कंकाल अवशेष, क्या यही है 'गुनाह' की नई जगह?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता – जो पहले धर्मस्थल में एक स्वच्छता कर्मी (sanitation worker) के रूप में काम करता था – एसआईटी टीम को जंगल में और भी गहराई तक ले गया. उसने जांच के लिए एक नया और बेहद महत्वपूर्ण स्थान 'स्पॉट 11ए' (Spot 11A) की ओर इशारा किया. बताया जा रहा है कि यह नया स्थल उस जगह के बिल्कुल करीब है जहाँ इसी सप्ताह की शुरुआत में कुछ कंकाल अवशेष (skeletal remains) बरामद किए गए थे. इस नई खोज ने जांच को एक बिल्कुल नई और गंभीर दिशा दी है, जिससे इस खौफनाक मामले के कई अनसुलझे और भयावह पहलू सामने आने की उम्मीद है. यह 'स्पॉट 11ए' जांचकर्ताओं के लिए एक 'गेम चेंजर' साबित हो सकता है.
जांच हुई 'तेज': भारी मशीनरी और फॉरेंसिक टीमें पहुंचीं 'रहस्यमय' जगह पर, अधिकारी साधे हुए हैं चुप्पी!
इस 'स्पॉट 11ए' पर अब बड़े पैमाने पर काम शुरू हो गया है. भारी मशीनरी (heavy machinery) और श्रमिकों की एक बड़ी टीम को साइट पर तैनात किया गया है, जिसे अब एसआईटी (SIT) अपनी जांच में बेहद महत्वपूर्ण मान रही है. फॉरेंसिक टीमों (Forensic teams) से उम्मीद की जा रही है कि वे इस पूरे क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण (detailed survey) करेंगी, ताकि घटनास्थल से बरामद किए गए किसी भी छोटे से छोटे साक्ष्य (evidence) को भी सावधानीपूर्वक एकत्र किया जा सके. जांच की संवेदनशीलता को देखते हुए, एसआईटी अधिकारी नवीनतम घटनाक्रमों (latest developments) के बारे में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने केवल इतना कहा है कि नई जगह पर कड़ी नजर रखी जा रही है और जांच गोपनीय तरीके से आगे बढ़ रही है.
पीड़ितों की 'आहें': क्या खुलेगा यौन उत्पीड़न और नाबालिगों की हत्या का 'दर्दनाक' सच
शिकायतकर्ता, जिसने 1995 और 2014 के बीच धर्मस्थल में काम करने का दावा किया है, ने बेहद सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. उसका कहना है कि उसे कई शवों को जबरन दफनाने (forced to bury) के लिए मजबूर किया गया था. इन शवों में महिलाओं और नाबालिगों (minors) के भी शव शामिल थे, और कुछ शवों पर तो यौन उत्पीड़न (sexual assault) के भयानक निशान भी थे. उसने अपने सभी आरोपों को लेकर एक मजिस्ट्रेट (magistrate) के सामने अपना विस्तृत बयान (statement) दर्ज कराया है. यह बयान जांच को एक ठोस कानूनी आधार प्रदान करता है और इन जघन्य अपराधों के पीड़ितों को न्याय दिलाने की उम्मीद जगाता है.
राज्य सरकार का 'बड़ा कदम': सामूहिक हत्या और यौन हिंसा के आरोपों पर बनी SIT,
पिछले दो दशकों से इस क्षेत्र में सामूहिक हत्याओं (mass murder), यौन हिंसा (sexual violence), और गुप्त दफन (clandestine burials) के सनसनीखेज आरोपों के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था. यह एसआईटी, शिकायतकर्ता द्वारा प्रदान की गई ठोस जानकारियों (leads provided) के आधार पर, पूरे क्षेत्र में जमीनी स्तर पर अभियान (ground-level operations) जारी रखे हुए है. इस व्यापक और गहन जांच का मुख्य उद्देश्य सत्य को सामने लाना है, उन अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना है जिन्होंने इन घिनौने अपराधों को अंजाम दिया, और अंततः पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाना है. यह मामला अब सिर्फ एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.
--Advertisement--