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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र की राजनीति  में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए, नव नियुक्त कृषि मंत्री दत्तारेय भरणे (Dattatray Bharane) ने शुक्रवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि वह 'किसान के बेटे' (Farmer's Son) के रूप में कृषि विकास (Agriculture Development) और किसानों के जीवन में समृद्धिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य के किसान लगातार कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन (Climate Change), फसल का नुकसान (Crop Loss) और कर्ज का बोझ (Debt Burden) प्रमुख हैं. भरणे की नियुक्ति से महाराष्ट्र के कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector of Maharashtra) में एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद की जा रही है, जहां वे किसानों के मुद्दों को करीब से समझने का दावा कर रहे हैं.

भरणे, जो पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार में राज्य मंत्री (Minister of State) थे, को देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व वाले मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) में कैबिनेट रैंक (Cabinet Rank) में पदोन्नत किया गया है. वह इससे पहले खेल (Sports), युवा कल्याण (Youth Welfare), अल्पसंख्यक मामलों (Minority Affairs) और वक्फ (Auqaf) जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाल रहे थे. दत्तात्रेय भरणे अगले सप्ताह की शुरुआत में कृषि मंत्री (Agriculture Minister) का पदभार संभालने वाले हैं, जिसके बाद किसानों की उम्मीदें और भी बढ़ जाएंगी. यह मंत्रिमंडल का विस्तार दर्शाता है कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं (Farmers' Problems) को कितनी गंभीरता से ले रही है.

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भरणे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X, पूर्व ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में कहा, “एक किसान परिवार में पैदा हुआ और पला-बढ़ा, मैंने खेती के हर पहलू (Every Aspect of Farming) का अनुभव किया है. इसलिए, मैं किसानों के दर्द (Pain of Farmers), कठिनाइयों (Difficulties), और उम्मीदों (Expectations) को गहराई से समझता हूं. अब, इस मंत्री पद (Ministerial Position) की जिम्मेदारी के माध्यम से, मुझे उनके न्याय (Justice), अधिकारों (Rights) और प्रगति (Progress) के लिए काम करने का अवसर मिला है. किसानों का सम्मान (Honour of Farmers), सतत कृषि (Sustainable Agriculture), और ग्रामीण समृद्धि (Rural Prosperity) मेरे प्राथमिक लक्ष्य होंगे. मैं पूरी ईमानदारी से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगा कि किसानों की आवाज (Voice of Farmers) सरकार की हर नीति (Every Policy of the Government) तक पहुंचे.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं कृषि मंत्री के पद पर एक किसान के बेटे को दिए गए सम्मान के लिए आभारी हूं. मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री और मेरे नेता अजितदादा पवार (Ajitdada Pawar) और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), एनसीपी (NCP) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे (Sunil Tatkare) का मुझे राज्य के कृषि मंत्री की जिम्मेदारी सौंपने के लिए ईमानदारी से धन्यवाद करता हूं.” यह बयान न केवल उनकी पृष्ठभूमि को रेखांकित करता है बल्कि उनके राजनीतिक गुरुओं के प्रति उनकी निष्ठा भी दर्शाता है, जिससे राज्य में सत्ता संतुलन (Power Balance) पर भी असर दिख सकता है.

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मंत्री भरणे ने पत्रकारों को बताया कि वह इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि कृषि विभाग (Agriculture Department) के माध्यम से राज्य के किसानों को कैसे न्याय मिलेगा (Farmers will get justice), और किसानों के लाभ के लिए अभिनव कृषि पहल (Innovative Agricultural Initiatives) कैसे लागू की जाएंगी. यह किसानों के लिए कृषि नीतियां (Agricultural Policies) और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर केंद्रित होगा.

बहुप्रतीक्षित सरकार के फसल ऋण माफी (Crop Loan Waiver) के फैसले पर, मंत्री भरणे ने कहा कि उन्होंने अभी तक इस विभाग का पदभार नहीं संभाला है. उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ऋण माफी (Loan Waiver) के संबंध में सही निर्णय लेंगे. यह मुद्दा महाराष्ट्र में चुनाव (Maharashtra Elections) से पहले सबसे संवेदनशील राजनीतिक मुद्दों में से एक है, और इसकी घोषणा का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है.

भरणे ने कहा, “मैं एक किसान परिवार से संबंध रखता हूं, और बारामती (Baramati - अजितदादा का गढ़) के लोगों ने मुझे बहुत कुछ दिया है. पवार परिवार ने हमेशा मुझसे बहुत प्यार किया है. अब मैं इंदापुर (उनका विधानसभा क्षेत्र - Indapur Assembly constituency) को बारामती जैसा बनाने की कोशिश करूंगा.” उन्होंने कहा कि वह इंदापुर के विकास में तेजी लाने (Expedite the Development of Indapur) और इसे बारामती की तर्ज पर बदलने (Transform on the lines of Baramati) के लिए और अधिक प्रयास करेंगे (जो शरद पवार (Sharad Pawar) और अजीत पवार (Ajit Pawar) का गढ़ है और अपने समग्र विकास (Overall Development) के लिए जाना जाता है).

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 एनसीपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्री दत्तारेय भरणे को मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों से फसल ऋण माफी की घोषणा के लिए जोर देना होगा, जिसका वादा महायुति ने राज्य विधानसभा चुनावों (State Assembly Elections) से पहले किया था. यह आवश्यक है क्योंकि विपक्ष और विभिन्न किसान संगठन (Farmers' Organisations) इस मुद्दे पर ढिलाई बरतने के लिए सरकार की आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों  क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (Regional Rural Banks) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks) को कृषि ऋणों (Agricultural Loans) पर बकाया बढ़कर 37,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. किसान जल्द ऋण माफी (Early Crop Loan Waiver) की उम्मीद में ऋण चुकाना बंद कर चुके हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है. इसके अलावा, मंत्री भरणे को एक स्पष्ट रोडमैप (Clear Roadmap) तैयार करके किसान आत्महत्याओं (Farmers' Suicides) को रोकने पर भी ध्यान देना होगा, जो महाराष्ट्र के लिए एक गंभीर सामाजिक समस्या है.

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