
Up Kiran, Digital Desk: भारत में डॉलर करोड़पतियों की संख्या में अगले पांच वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिलेगी। हेनले एंड पार्टनर्स और न्यू वर्ल्ड हेल्थ द्वारा जारी इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2029 तक भारत में डॉलर करोड़पतियों (यानी, जिनके पास 1 मिलियन डॉलर या उससे अधिक की निवेश योग्य संपत्ति है) की संख्या में 55% का भारी उछाल आएगा।
वर्तमान में, 2023 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 3,44,600 डॉलर करोड़पति हैं। इसके अतिरिक्त, देश में 1,000 सेंटी-करोड़पति (जिनकी संपत्ति 100 मिलियन डॉलर से अधिक है) और 12 अरबपति (जिनकी संपत्ति 1 बिलियन डॉलर से अधिक है) मौजूद हैं। यह आंकड़ा भारत के बढ़ते आर्थिक प्रभाव और धन सृजन की क्षमता को दर्शाता है।
भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, तेजी से बढ़ता शेयर बाजार, अनुकूल जनसांख्यिकी और लगातार तकनीकी प्रगति शामिल हैं। ये सभी कारक मिलकर देश में धन सृजन के लिए एक आदर्श और गतिशील वातावरण बना रहे हैं।
यह भी कहा गया है कि भारत वैश्विक धन वृद्धि में अग्रणी देशों में से एक है। अगले दशक में, भारत में धनवानों की संख्या में वृद्धि की दर संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी जैसे विकसित देशों से भी तेज रहने की उम्मीद है। यह भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक शक्ति का स्पष्ट संकेत है।
भारत के शहरों की बात करें तो, मुंबई को देश की वित्तीय राजधानी और सबसे धनी शहर के रूप में पहचाना गया है। इसके अलावा, दिल्ली और बेंगलुरु (जो एक प्रमुख प्रौद्योगिकी केंद्र है) भी देश के शीर्ष धनी शहरों में शामिल हैं। रिपोर्ट में चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता जैसे शहरों में भी भविष्य में महत्वपूर्ण धन वृद्धि देखने को मिलने की उम्मीद जताई गई है।
भारत न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है, बल्कि यह व्यक्तियों के लिए भी अभूतपूर्व धन सृजन के अवसर प्रदान कर रहा है, जिससे यह वैश्विक धन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा है।
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