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Amarnath yatra: राजस्थान के आनंद सिंह उन 6,000 तीर्थयात्रियों के तीसरे जत्थे में शामिल हैं, जो हिमालय में वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा में भाग लेने के लिए जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से रवाना हुए हैं। भोलेनाथ के भक्त सिंह अमरनाथ की अपनी 12वीं यात्रा पर निकले हैं। उनकी भक्ति ने उनकी विकलांगता को बाधा नहीं बनने दिया है, क्योंकि वे पवित्र गुफा मंदिर में पूजा करने के लिए 3,880 मीटर की ऊंचाई पर तीर्थयात्रा पर निकल पड़े हैं।

सन् 2002 में एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर खोने के बाद से आनंद सिंह केवल तीन बार यात्रा से चूके हैं। उन्होंने कहा, "मैंने 2010 में बाबा के दरबार में आना शुरू किया था। 2013 में केदारनाथ में बाढ़ के कारण मैं यात्रा नहीं कर पाया था और फिर कोविड महामारी के कारण दो साल तक यात्रा स्थगित रही।"

दोनों पैरों से विकलांग आनंद एक ट्रक के टायर के कटआउट पर बैठते हैं और चलने के लिए अपने हाथों का उपयोग करते हैं। सिंह ने कहा, "पहले चार या पांच साल तक मैं अपने हाथों से खुद को घसीटता रहा, लेकिन अब मेरे लिए यह मुश्किल हो गया है। मैं पालकी में यात्रा करता हूं।"

आनंद सिंह ने कहा कि भगवान शिव के साथ उनका "विशेष" रिश्ता है: “यह रिश्ता हर साल मजबूत होता जा रहा है। इसीलिए मैं यहां आता हूं।” अपनी विकलांगता के बावजूद, वह स्वयं को "लाचार" महसूस नहीं करते।
 

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