Israeli soldiers: गाजा युद्ध में इजराइल में नागरिकों और सैनिकों की मौत की तादाद में वृद्धि देखी गई है और उनके शवों से शुक्राणु निकालने का चलन भी बढ़ रहा है। इज़राइल में शवों से शुक्राणु निकालने के संबंध में फिलहाल कोई कानूनी विनियमन नहीं है। मगर अब जब ऐसा करने वालों की संख्या बढ़ रही है तो देश में इस पर चर्चा शुरू हो गई है और सांसद इस संबंध में कानून पारित करने की सोच रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ महीने इजराइल के लिए बेहद दर्दनाक रहे हैं। 7 अक्टूबर 2023 से अब तक युद्ध में लगभग 1600 इजरायली मारे गए हैं। इनमें से 170 सैनिकों और नागरिकों के 1600 शुक्राणु सुरक्षित कर लिए गए हैं। ये आंकड़ा करीब 15 फीसदी है। पिछले साल ये संख्या सिर्फ 1 फीसदी थी।
ये है मृत शरीर से शुक्राणु निकालने की प्रक्रिया
डॉक्टरों के मुताबिक ये सर्जरी मौत के 72 घंटे के अंदर करनी होती है। इस प्रक्रिया में अंडकोष को काटकर टिश्यू के जरिए लैब में भेजा जाता है। इसके बाद, जब तक परिवार को शुक्राणु का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाती, इसे रेफ्रिजरेटर में संग्रहीत किया जाता है।
पहले यह प्रक्रिया केवल तभी की जाती थी जब कोई परिवार इसके लिए अनुरोध करता था। कोर्ट की इजाजत भी ले ली गई। मगर अब कानून की कोई बाध्यता नहीं है। यही वजह है कि यहां स्पर्म इकट्ठा करने वालों की संख्या बढ़ गई है।
बीते चंद महीनों से इजरायल में एक अभियान भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसका लक्ष्य जंग में जान गंवाने वाले फौजियों के स्पर्म से नया जीवन देने की है।
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