
Up Kiran , Digital Desk: हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण, बच्चों में हार्ट अटैक के कारण, हार्ट अटैक के लक्षण, हार्ट अटैक के पहले चरण, दिल का दौरा क्या करें, हार्ट अटैक के उपाय, सीने में दर्द के लक्षण, हार्ट अटैक के आपातकालीन कदम
अब इसे ह्यूमन स्टाइल में और SEO फ्रेंडली भाषा में पूरी तरह से फिर से लिखा गया है:
युवाओं में बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा: जानें लक्षण और तुरंत बढ़ना जरूरी कदम
अब दिल की बीमारी सिर्फ मरीज़ की नहीं
आज के दौर में युवाओं के बीच हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। पशु चिकित्सक, अवैध भोजन और व्यायाम की कमी ने दिल की चुनौती का खतरा कई गुना बढ़ा दिया है।
एशियन हॉस्पिटल के बुजुर्ग कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक चौधरी कहते हैं कि अटैक हार्ट के शुरूआती दौर को पहचानना और सही समय पर एक्शन लेना जीवन रक्षा में बेहद अहम होता है।
तो आइए जानते हैं हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत और स्ट्रोक में जाने वाले जरूरी कदम।
हार्ट अटैक के 3 प्रमुख प्रारंभिक लक्षण
1. सीने में दबाव, जकड़न या जलन महसूस होना
सबसे आम लक्षण है सीने में अजीब सी पीड़ा, जो आपको दबाव, कसाव या जलन के रूप में महसूस हो सकती है।इसमें कुछ मिनट तक लगातार रहम या रुक-रुक कर ए-जा हो सकता है।
2. सांस लेने में तकलीफ और परेशानी
दिल के दौरे के दौरान अक्सर सांस फूलने की फ़रियाद होती है।सांस लेने में तकलीफ के साथ बेचैनी, उदासी और पीलापन भी आम संकेत हो सकता है।
3. दर्द का फ़ायदा: हाथ, पेट, जबड़ा या पेट तक
हार्ट अटैक का दर्द केवल छाती तक सीमित नहीं रहता।दर्द बायां हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट तक हो सकता है।कई मामलों में, विशेषकर महिलाओं और बुजुर्गों में, दर्द केवल पीठ या जबड़े में ही महसूस हो सकता है।
अन्य लक्षण शामिल न करें
मतली या उल्टी आना
पेट में गैस प्रेशर जैसा महसूस होना
अचानक आना
चक्कर आना या भ्रम की स्थिति
याद रखें, सारी बेचैनी में छाती का दर्द ज़रूरी नहीं होता। इसलिए यदि ऐसा कोई भी असामान्य लक्षण नजर आए तो तुरंत ध्यान दें।
हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करना चाहिए?
अगर किसी को नामित लक्षण नजर आए, तो संदेह नहीं। तत्काल यह कदम डिजायन:
आरामदेह स्थिति में आरामदेह स्थिति में आराम करें।
आसपास के लोगों से मदद के लिए तुरंत कॉल करें।
यदि रोगी को पता है और उसे एस्पिरिन से एलर्जी नहीं है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार एक एस्पिरिन चबाने के लिए लें। इससे खून के थक्के बनने से रोका जा सकता है।
मरीज को अकेले न छोड़ें और उसे शांत रखने की कोशिश करें।
हर मिनट अनमोल होता है। जितना जल्दी इलाज शुरू हो जाता है उतना ही ज्यादा जान बचने की संभावना बनी रहती है।
--Advertisement--