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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां कोरोना वायरस के चलते तीन साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची डिहाइड्रेशन से पीड़ित थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए दिल्ली के चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के दौरान बच्ची कोरोना पॉजिटिव पाई गई और बाद में उसकी मौत हो गई। ऐसे में आइए जानते हैं कि कोरोना का नया वैरिएंट बच्चों के लिए कितना खतरनाक है...

देश भर में कोरोना के मरीज बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके पीछे ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट JN.1, LF.7 और NB.1.8.1 को वजह बताया जा रहा है। WHO की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक NB.1.8.1 कोरोना का नया सब-वैरिएंट है, जो JN.1 वैरिएंट का वंशज है और ओमिक्रॉन वैरिएंट से भी संबंधित है। इस वैरिएंट की खोज सबसे पहले जनवरी 2025 में कोविड-19 जीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम ने तमिलनाडु में की थी। हमारे न्यूज़लैटर

WHO ने इस वैरिएंट को वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग (VUM) के रूप में वर्गीकृत किया है। NB.1.8.1 में अतिरिक्त स्पाइक म्यूटेशन T22N, F59S, G184S, A435S, V445H और T478I हैं, जो इसे ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट से ज़्यादा संक्रामक बनाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि NB.1.8.1 सब-वैरिएंट से गंभीर बीमारी होने की संभावना कम है, मगर नोएडा में एक लड़की की मौत ने चिंता बढ़ा दी है।

बच्चों पर कोरोना का असर

2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत में माना जा रहा था कि बच्चे वायरस से कम प्रभावित होते हैं। इसीलिए ज़्यादातर मरीज़ हल्के या बिना लक्षण वाले होते हैं। हालांकि, डेल्टा और ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट के बाद बच्चे भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। खास तौर पर वो बच्चे जो कोविड पॉजिटिव पाए गए, जिन्हें वैक्सीन नहीं लग पाई। 2022 तक वैश्विक आंकड़ों से पता चला कि बच्चों में SARS-CoV-2 के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे मामले कम टीकाकरण दर वाले क्षेत्रों में अधिक आम थे।

नोएडा में जिस बच्ची की मौत हुई, वह तीन साल की थी और उसे डिहाइड्रेशन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के दौरान वह कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई। ऐसे में देखा जा रहा है कि कोरोना वायरस बच्चे के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है।

क्या NB.1.8.1 बच्चों के लिए खतरनाक है

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. यवोन माल्डोनाडो के अनुसार, NB.1.8.1 अधिक संक्रामक है, मगर इससे गंभीर बीमारियां नहीं होती हैं। कुछ मामलों में, जैसे छोटे बच्चों या पहले से गंभीर बीमारियों वाले बच्चों के लिए, यह समस्या को बढ़ा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले साल कोविड-19 से 150 बच्चों की मौत हुई है, जो कि इन्फ्लूएंजा से मरने वाले 231 बच्चों के बराबर है। अगर बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है या उसे पहले से कोई बीमारी है तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है।

 

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