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Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट के इतिहास के सबसे विवादित पलों में से एक, हरभजन सिंह और एस. श्रीसंत के बीच हुआ 'स्लैपगेट' कांड, एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में इस घटना का एक अनदेखा वीडियो सामने आने के बाद, उस मैच के रेफरी और भारत के पूर्व तेज गेंदबाज, जवागल श्रीनाथ, ने 17 साल की अपनी लंबी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने इतने सालों तक इस घटना की गोपनीयता को बनाए रखा, लेकिन अब वीडियो सामने आने के बाद उन्हें बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा।

'मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई'

जवागल श्रीनाथ ने कहा, "एक मैच रेफरी के तौर पर, मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी मैदान के अंदर और बाहर की घटनाओं की गोपनीयता बनाए रखना होती है। जो कुछ भी ड्रेसिंग रूम में होता है या खिलाड़ियों के बीच होता है, वह बाहर नहीं आना चाहिए। मैंने 17 सालों तक इस सिद्धांत का पूरी ईमानदारी से पालन किया। मैंने कभी भी इस घटना पर सार्वजनिक रूप से एक शब्द नहीं कहा।"

श्रीनाथ ने बताया कि यह उनका कर्तव्य था कि वे मामले की जांच करें, रिपोर्ट तैयार करें और उसे सिर्फ बीसीसीआई को सौंपें। उन्होंने कहा कि उनका काम आग लगाना नहीं, बल्कि उसे बुझाना होता है।

अब क्यों तोड़ी चुप्पी:श्रीनाथ ने साफ किया कि वह आज भी इस घटना के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलते, लेकिन क्योंकि अब वीडियो फुटेज पब्लिक डोमेन में आ चुका है, इसलिए अब इस पर बात करने से कोई परहेज नहीं है। उन्होंने कहा, "जब तक चीजें पर्दे के पीछे थीं, तब तक यह मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं चुप रहूं। लेकिन अब जब वीडियो खुद ही सारी कहानी बयां कर रहा है, तो सच्चाई किसी से छिपी नहीं है।"

यह पहली बार है जब उस घटना के किसी अधिकारी ने इस पर खुलकर अपनी बात रखी है। उस दिन असल में हुआ क्या था, यह आज भी क्रिकेट फैंस के लिए एक बड़ी पहेली है। हरभजन सिंह को इस घटना के बाद IPL सीजन से बैन कर दिया गया था और श्रीसंत को चेतावनी दी गई थी। श्रीनाथ का यह बयान इस पुराने विवाद में एक नया अध्याय जोड़ता है, जिसने एक बार फिर क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है।

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