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Up Kiran, Digital Desk: श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच टी20ई सीरीज़ का तीसरा और निर्णायक मैच कोलंबो के प्रतिष्ठित आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जाएगा। इस महत्वपूर्ण मुकाबले से पहले, सभी की निगाहें पिच की स्थिति पर होंगी, क्योंकि यह तय करेगा कि दोनों टीमें अपनी रणनीति कैसे बनाती हैं। आइए जानते हैं कि इस स्टेडियम की पिच तीसरे टी20आई में कैसा खेल सकती है।

आर प्रेमदासा स्टेडियम, कोलंबो -पिच का मिजाज:

आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच आमतौर पर अपने संतुलित व्यवहार के लिए जानी जाती है, लेकिन टी20 क्रिकेट में इसके कुछ खास गुण हैं:

बल्लेबाजों के लिए: शुरुआत में पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल होती है। गेंद बल्ले पर अच्छी तरह से आती है, जिससे पावरप्ले में तेजी से रन बनाना आसान होता है। हालांकि, जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, पिच धीमी हो सकती है।

स्पिनरों के लिए: इस पिच पर स्पिनरों को अक्सर मदद मिलती है, खासकर दूसरी पारी में। जैसे-जैसे सतह टूटती है या सूखती है, गेंद घूमने लगती है, जिससे स्पिनरों को विकेट लेने के मौके मिलते हैं। बीच के ओवरों में स्पिनर्स काफी प्रभावी साबित हो सकते हैं।

तेज गेंदबाजों के लिए: तेज गेंदबाजों को नई गेंद से कुछ स्विंग और सीम मूवमेंट मिल सकता है। पुरानी गेंद से वे गति में बदलाव (variations) और धीमी गेंदों का इस्तेमाल कर विकेट लेने की कोशिश करते हैं।

कुल मिलाकर: यह एक ऐसी पिच है जहां 160-170 का स्कोर चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर स्पिनर्स अच्छी गेंदबाजी करें। 180+ का स्कोर चेज़ करना मुश्किल होता है, जब तक कि बल्लेबाजी करने वाली टीम असाधारण प्रदर्शन न करे।

टी20I में हालिया रुझान: इस मैदान पर खेले गए पिछले टी20 मैचों से पता चलता है कि टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करने का विकल्प चुन सकती है, क्योंकि रात में ओस (dew) का प्रभाव हो सकता है, लेकिन दूसरी पारी में स्पिनरों को मिलने वाली मदद अक्सर चेज़ करने वाली टीम के लिए चुनौती बन जाती है। हालांकि, अगर आउटफील्ड तेज है और बल्लेबाज शुरुआत से ही आक्रामक खेलते हैं, तो बड़ा स्कोर भी चेज़ किया जा सकता है।

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