Up Kiran, Digital Desk: एक रिपोर्ट में बहुत बड़ा और सनसनीखेज दावा किया गया है, जिसने बांग्लादेश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस पर आरोप है कि वह देश की सेना का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं ताकि "कानून के नकाब में आतंक" फैलाकर सत्ता पर अपनी पकड़ पूरी तरह से मज़बूत कर सकें।
'साउथ एशिया ट्रिब्यून' नाम की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि यूनुस और उनके समर्थक एक सोची-समझी साज़िश के तहत सेना के हौसले को तोड़ने का काम कर रहे हैं। रिपोर्ट का कहना है कि उनका असली मकसद सेना को रास्ते से हटाना है, ताकि जब वे सत्ता पर अपना पूरा नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करें, तो कोई भी ताकत उनके सामने खड़ी न हो सके।
रिपोर्ट में इस रणनीति को 'लॉ-फेयर' (Lawfare) का नाम दिया गया है, जिसका मतलब है क़ानूनी दांव-पेंच का इस्तेमाल करके किसी को मनोवैज्ञानिक रूप से कमज़ोर करना। आरोप है कि यूनुस का गुट सेना के खिलाफ़ लगातार निगेटिव माहौल बना रहा है और उन पर क़ानूनी कार्रवाई का डर दिखा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि सेना के अधिकारी और जवान निराश और हताश हो जाएं और वे देश के मामलों में किसी भी तरह का दखल देने से डरें। रिपोर्ट में इसे "कानून की आड़ में आतंक" फैलाने जैसा बताया गया है।
सीधे शब्दों में कहें तो, इस रिपोर्ट का दावा है कि मुहम्मद यूनुस की रणनीति है - पहले सेना का आत्मविश्वास खत्म करो, और फिर बिना किसी रोक-टोक के देश पर अपना एजेंडा लागू करो। यह रिपोर्ट बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा करती है।
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