
Up Kiran, Digital Desk: माता वैष्णो देवी का दरबार, करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र। यहाँ हर रोज़ हज़ारों की संख्या में लोग माता के दर्शन करने आते हैं, पर हाल ही में इस पवित्र यात्रा पर एक ऐसी घटना हुई जिसने सबकी चिंता बढ़ा दी। वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की ख़बर सामने आई, जिसके बाद अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और एक तीन सदस्यीय पैनल का भी गठन कर दिया है।
क्या हुई थी घटना और क्यों पड़ी जांच की ज़रूरत?
ख़बरों के मुताबिक, यह घटना वैष्णो देवी यात्रा के एक हिस्से में हुई, जहाँ चट्टानों का एक बड़ा हिस्सा खिसक गया था। ऐसी जगहों पर हर वक़्त यात्रियों की आवाजाही लगी रहती है। हालाँकि इस घटना से जुड़े विस्तृत नुक़सान या किसी गंभीर चोट की बात फिलहाल साफ़ नहीं है, पर इतनी बड़ी और महत्वपूर्ण जगह पर ऐसी घटना होना अपने आप में एक गंभीर चिंता का विषय है।
उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने तुरंत संज्ञान लेते हुए, एक तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है। इस समिति का मुख्य काम होगा यह पता लगाना कि आखिर यह भूस्खलन क्यों हुआ, क्या सुरक्षा में कोई कमी थी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
करोड़ों भक्तों के लिए यह फैसला क्यों अहम है?
माता वैष्णो देवी मंदिर भारतीय सनातन धर्म के सबसे पवित्र और भीड़भाड़ वाले तीर्थस्थलों में से एक है। हर साल लाखों लोग यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में, यात्रा मार्ग की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
सुरक्षा का भरोसा: यह जांच पैनल भक्तों के मन में सुरक्षा का भरोसा बहाल करेगा। अगर इसमें किसी तरह की लापरवाही सामने आती है, तो जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी।
बेहतर उपाय: पैनल भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए विशेषज्ञ सलाह देगा, जैसे ढलान को मज़बूत करना, चेतावनी प्रणाली लगाना, या ज़रूरत पड़ने पर रास्ते को बदलना।
व्यवस्था में सुधार: यह जांच यह भी सुनिश्चित करेगी कि तीर्थ यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं को और अधिक चाक-चौबंद किया जाए।
LG का यह तेज़ी से लिया गया फ़ैसला सराहनीय है। यह दर्शाता है कि प्रशासन भक्तों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है। उम्मीद है कि यह जांच भविष्य में वैष्णो देवी की पवित्र यात्रा को और भी सुरक्षित बनाएगी, ताकि श्रद्धालु बिना किसी डर के माता के दर्शन कर सकें।
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