जब जगह जगह दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा था, तब 41 मजदूर उत्तरकाशी की सिल्क्यारा निर्माणाधीन टनल में फंसे थे। इन सभी को सही सलामत निकालने के लिए शुरू राहत और बचाव अभियान बीती रात पूरा हुआ। सभी मजदूरों को रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड ले जाया गया।
आज सवेरे 18 दिन बाद सभी मजदूरों ने उगता सूरज देखा। अब इन मजदूरों को इंडियन एयर फोर्स के प्लेन से एम्स अस्पताल ऋषिकेश भेजा जाएगा। चिन्यालीसौड हवाई पट्टी पर चिनूक विमान और एक हेलीकॉप्टर पहुंच चुका है।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विनोद कुकरेती ने बताया कि सभी का देररात टेस्ट किया गया। सभी स्वस्थ हैं। सभी मजदूरों ने अच्छी नींद ली। सुबह कुछ श्रमिक जग गए। उन्हें जलपान कराया गया। अब पुनः स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद घर भेजने या रेफर करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
आपको बता दें कि रात को टनल से बाहर आए मजदूरों को यह नहीं पता था कि दिन है या रात। यह बात यूपी के चौधरी ने मीडिया से कही। उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा मंजीत जब टलन से बाहर आया तो सबसे पहले पूछा पापा घर पर सब ठीक-ठाक तो है न। फिर पूछा कि अभी सवेरा है न।' इस सुनकर मंजीत के पिता चौधरी भावुक हो गए।
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