Up Kiran, Digital Desk: मोदी सरकार ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के बाकी दो सदस्य और उनके कामकाजी ढांचे का खुलासा किया। नए आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, बोनस और पेंशन में सुधार के लिए जिम्मेदारी, प्रदर्शन और जवाबदेही को आधार बनाना है। सरकार का मानना है कि ये बदलाव कामकाजी माहौल में सुधार लाने और कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने में मदद करेंगे।
नए वेतन आयोग का उद्देश्य क्या है?
आठवें वेतन आयोग का प्रमुख लक्ष्य कर्मचारियों के लिए एक ऐसा वेतन ढांचा तैयार करना है, जो कार्य प्रदर्शन पर आधारित हो। आयोग का उद्देश्य कामकाजी माहौल को प्रोत्साहित करने और बेहतर परिणामों के लिए कर्मचारियों को प्रेरित करना है। इसमें वेतन और भत्तों के अलावा पेंशन और अन्य सुविधाओं को भी सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इन सुधारों से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और उनकी जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
आयोग के प्रमुख सदस्य और रिपोर्ट का समय
आयोग की अध्यक्षता जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। इसके अतिरिक्त प्रोफेसर पुलक घोष अंशकालिक सदस्य के रूप में शामिल होंगे और पंकज जैन सचिव के रूप में कार्य करेंगे। आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और इसे अपनी रिपोर्ट सरकार को 18 महीने के अंदर सौंपनी होगी। आयोग के कामकाजी ढांचे में विशेषज्ञों और सलाहकारों को शामिल करने का भी प्रावधान है।
कर्मचारियों के लिए पेंशन और बोनस में क्या बदलाव हो सकते हैं?
इस आयोग के गठन के बाद कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, बोनस और पेंशन में बदलाव की संभावना है। अगर पिछले वेतन आयोगों की तरह ही कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं, तो कर्मचारियों को अपनी पेंशन में भी बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है। अनुमान है कि अगर फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है, तो 25,000 रुपये की मासिक पेंशन 50,000 रुपये तक पहुंच सकती है।
बोनस और भत्तों में संशोधन
आयोग की योजना मौजूदा बोनस योजना और सभी भत्तों की समीक्षा करने की है। इसके तहत यह देखा जाएगा कि कौन से भत्ते आवश्यक हैं और कौन से नहीं। उन भत्तों को समाप्त किया जा सकता है, जिनका कोई विशेष उपयोग नहीं है। इसके साथ ही, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए मृत्यु और सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की भी समीक्षा की जाएगी। पुराने पेंशन स्कीम में शामिल कर्मचारियों के लिए पेंशन और ग्रेच्युटी के नियमों पर भी आयोग अपनी सिफारिशें देगा।
किसे मिलेगा फायदा और किसे हो सकता है नुकसान?
आयोग के प्रस्तावों के अनुसार, कर्मचारियों को यात्रा भत्ता, विशेष ड्यूटी भत्ता, और छोटे क्षेत्रीय भत्तों में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, पुराने विभागीय भत्तों जैसे टाइपिंग या क्लर्कियल अलाउंस में भी बदलाव हो सकता है। हालांकि, सरकार का उद्देश्य इन सभी भत्तों को एक सरल और स्पष्ट ढांचे में ढालना है, ताकि वे समझने में आसान हों और कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित हों।
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