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Up Kiran, Digital Desk: “पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती” ये कहावत अब तक सिर्फ शब्दों तक सीमित थी, लेकिन बिहार के भागलपुर जिले के 76 वर्षीय अनंत शर्मा ने इसे सच साबित कर दिया है। इस उम्र में भी वह कॉलेज जाकर बीए की परीक्षा दे रहे हैं और युवाओं के लिए एक आदर्श बन रहे हैं। उनके जज्बे ने यह साबित कर दिया कि अगर दिल में लगन हो, तो उम्र महज एक संख्या बनकर रह जाती है।
भागलपुर के मारवाड़ी कॉलेज में एक प्रेरक चेहरा
भागलपुर के तिलकामांझी विश्वविद्यालय के मारवाड़ी कॉलेज के इग्नू सेंटर में एक 76 साल का बुजुर्ग छात्र हर रोज़ अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से छात्रों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। यह बुजुर्ग छात्र कोई और नहीं, बल्कि अनंत शर्मा हैं, जो अपनी उम्र के इस पड़ाव पर भी अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए बीए की परीक्षा में बैठते हैं। उनके हौसले को देखकर यह कहा जा सकता है कि उनकी उम्र केवल एक संख्या है, जो उनके जीवन के उद्देश्य को रोक नहीं सकती।
वृद्धावस्था में भी शिक्षा की राह पर
अनंत शर्मा का कॉलेज जाना, परीक्षा देना और अपनी शिक्षा पूरी करने का सपना देखना युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। वह पैदल चलकर कॉलेज पहुंचते हैं, भले ही उन्हें चलने में थोड़ी कठिनाई हो, लेकिन उनकी शिक्षा के प्रति लगन और समर्पण की कोई सीमा नहीं है।
इग्नू के कोऑर्डिनेटर भवेश कुमार ने इस बारे में कहा, "जब हमने अनंत शर्मा को कॉलेज में देखा, तो हम भी हैरान रह गए। उनका समर्पण देखकर हर छात्र को प्रेरणा लेनी चाहिए।" भवेश कुमार ने बताया कि अनंत शर्मा स्वयं को जीवित रखने के लिए पढ़ाई करते हैं। "उनकी कठिनाइयों के बावजूद उनका कॉलेज आना और परीक्षा देना किसी के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा है।"
अनंत शर्मा का जीवन एक उदाहरण
अनंत शर्मा का जीवन इस बात का उदाहरण है कि शिक्षा से कोई भी दूरी नहीं बन सकती, चाहे उम्र कितनी भी हो। वह इस समय बीए की डिग्री प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। उनका यह जुनून और मेहनत न सिर्फ उनकी ज़िंदगी को बेहतर बना रहे हैं, बल्कि कॉलेज के अन्य छात्रों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है।
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