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Up Kiran, Digital Desk: यूरोप के छोटे से देश लातविया में इन दिनों एक अजीब संकट चल रहा है। वहां पुरुष इतने कम हो गए हैं कि महिलाओं को घर का नल ठीक करवाना हो या कोई साथ बैठकर दो बातें करनी हों, इसके लिए भी उन्हें पैसा देकर आदमी बुलाना पड़ रहा है। सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय बाजार तक में “रेन्ट ए हसबैंड” सर्विस की चर्चा जोरों पर है।

चौंकाने वाले हैं आंकड़े

लातविया में महिलाएं पुरुषों से करीब 15.5 प्रतिशत ज्यादा हैं। यूरोपीय संघ के बाकी देशों की तुलना में यह अंतर तीन गुना है। 65 साल से ऊपर की उम्र में तो हर एक बुजुर्ग पुरुष के मुकाबले दो महिलाएं हैं। नतीजा यह कि ज्यादातर ऑफिस, दुकानें और फेस्टिवल आयोजन तक सिर्फ महिलाएं ही संभाल रही हैं। एक इवेंट मैनेजर दानिया ने बताया कि उनकी पूरी टीम में एक भी पुरुष के बिना चलती है। कोशिश की थी लेकिन मिला ही नहीं। उनकी दोस्त जेन कहती हैं कि सड़क पर निकलो तो खुद पता चल जाता है कि पुरुष कहां गायब हो गए।

अकेलापन दूर करने का नया बिजनेस

इसी कमी ने एक नया कारोबार खड़ा कर दिया है। कई कंपनियां अब घंटे के हिसाब से पुरुष उपलब्ध करा रही हैं। प्लंबिंग, बिजली का काम, फर्नीचर ठीक करना तो होता ही है। साथ में चाय पीते हुए अच्छी बातचीत भी मिलती है। कुछ ऐप्स पर तो बस एक क्लिक करते ही कोई शख्स घर पहुंच जाता है। कई महिलाएं बताती हैं कि बस किसी के साथ दो घंटे बैठकर बात करने भर से अकेलापन कम हो जाता है।

मौत जल्दी क्यों आती है पुरुषों को?

विशेषज्ञों का कहना है कि लातविया के पुरुषों की औसत उम्र महिलाओं से काफी कम है। वजह है भारी धूम्रपान, शराब और खराब लाइफस्टाइल। नतीजतन शादी की उम्र में पहुंचते-पहुंचते बहुत से पुरुष बचते ही नहीं। जो महिलाएं शादी करना चाहती हैं उन्हें विदेशी दूल्हा ढूंढना पड़ रहा है।