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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव की घड़ी करीब आ चुकी है और जैसे-जैसे दिन बढ़ रहे हैं यहां की सियासत और राजनीति भी अपनी पूरी गर्मी पर आ गई है। महज छह महीने बाद बिहार में चुनाव होंगे और इन चुनावों को लेकर राज्य की राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी हैं। चुनावी जनसभाओं का दौर तेज हो गया है वहीं चुनाव आयोग भी अपनी तैयारियों में जुट गया है। आइये जानते हैं बिहार चुनाव 2025 की तैयारियों के बारे में और इस बार की सीट बंटवारे की रणनीति के बारे में क्या कुछ खास चल रहा है।
चुनावी माहौल में तेज़ी: बिहार की सियासत उफान पर
विधानसभा चुनावों के लिए बिहार में हलचल तेज हो चुकी है। राज्यभर में पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार हैं ताकि वोटर्स को अपनी ओर खींचा जा सके। चुनाव आयोग ने भी अपने कर्मचारियों को चुनावी प्रक्रिया की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है ताकि आगामी चुनाव में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। दूसरी ओर नेता और पार्टियां अपने-अपने रणनीतिक कदम उठाते हुए जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
एनडीए का सीट बंटवारा: जीतन राम मांझी की अहम बैठक
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह बैठक बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों पर केंद्रित रही जिसमें एनडीए के बीच सीट बंटवारे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक के बाद मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कई अहम घोषणाएं कीं जिनसे चुनावी रणनीति को लेकर कुछ महत्वपूर्ण संकेत मिले हैं।
सीट बंटवारे की योजना: कब होगा निर्णय?
जीतन राम मांझी ने कहा "हमारी पार्टी और एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे की बैठक जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह में होगी।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बैठक में सीटों की संख्या को लेकर कोई विशेष मांग अभी तक नहीं रखी गई है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि एनडीए के सभी गठबंधन दलों को सम्मानजनक संख्या में सीटें मिलेंगी।
यह बयान इस बात को साफ करता है कि एनडीए इस बार भी अपनी चुनावी रणनीति को पूरी तरह से साझा कर के गठबंधन के सभी दलों के बीच समझौता करना चाहता है ताकि सभी को अपनी हिस्सेदारी मिले और चुनाव में सामूहिक रूप से एक मजबूत मुकाबला किया जा सके।
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