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बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। 2024 के चुनावी नतीजों के बाद जहां एनडीए सत्ता में तो लौटा है, मगर मुख्यमंत्री पद को लेकर गठबंधन के भीतर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत और उम्र को लेकर सवाल उठ रहे हैं, तो दूसरी ओर कई नेता इस पद के लिए खुलकर दावेदारी ठोक रहे हैं। आइए जानते हैं कि किस-किस नेता की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नज़र गड़ा चुकी है।

मुख्यमंत्री पद के दावेदार: कौन कितना दमदार

नीतीश कुमार:

एनडीए की ओर से सबसे अनुभवी चेहरा। लंबे समय से सत्ता में रहने के कारण प्रशासनिक अनुभव तो बेशुमार है, मगर उनकी उम्र और सेहत को लेकर चर्चाएं तेज हैं। पार्टी में उनका प्रभाव कायम है, पर इस बार भीतरखाने विरोध के स्वर भी उभर रहे हैं।

नीतीश मिश्रा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की पहली पसंद। युवा, ऊर्जावान और प्रशासनिक पृष्ठभूमि के कारण पार्टी उन्हें एक साफ-सुथरी छवि वाले नेता के रूप में देख रही है। सवाल है — क्या गठबंधन का बाकी हिस्सा उन्हें स्वीकार करेगा?

सम्राट चौधरी

भाजपा के तेज़-तर्रार नेता, जो अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। संगठन और जमीनी पकड़ को देखते हुए कई लोग उन्हें अगला मुख्यमंत्री मानने लगे हैं। मगर उनके बागी तेवर क्या गठबंधन में एकता बनाए रख पाएंगे?

चिराग पासवान

रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत संभाल रहे चिराग के समर्थक उन्हें "युवा चेहरा" बनाकर सामने ला रहे हैं। हालांकि एनडीए में उनका रुतबा उतना मजबूत नहीं दिखता, मगर बिहार की राजनीति में सरप्राइज कभी भी हो सकता है।

जीतन राम मांझी

कभी बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब फिर से दावेदारी ठोक दी है। हालांकि उनकी पार्टी की ताकत सीमित है, मगर राजनीति में समीकरणों का जोड़-घटाव कभी भी बाजी पलट सकता है।

फिलहाल एनडीए में "मुख्यमंत्री कौन?" को लेकर जो उथल-पुथल मची है, वो आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है। हर कोई चाहता है कि अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी या उनके खेमे से हो। नीतीश कुमार का स्वास्थ्य और मौजूदा परिस्थितियों ने नेतृत्व की बहस को और ज़्यादा हवा दी है।