img

Up Kiran, Digital Desk: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने गुरुवार को एक बड़ी घोषणा की है। राज्य सरकार जल्द ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत प्राइमरी शिक्षा को और मज़बूत बनाने के लिए कई बड़े सुधार लागू करने जा रही है। सीएम ने लोक सेवा भवन में स्कूल और जन शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि "समृद्ध ओडिशा 2036" के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही आधार बनेगी।

बोर्डों का होगा विलय, शिक्षकों की होगी नियमिती:

इस समीक्षा बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य में स्कूल शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (BSE) और उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (CHSE) का विलय करके एक नया बोर्ड बनाया जाएगा। इसके साथ ही, राज्य के सभी योजनाबद्ध (schematic) प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को भी नियमित करने का फैसला लिया गया है।

44,433 टीचिंग पदों पर होगी भर्ती:

NEP की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, सरकार अगले तीन सालों में राज्य भर में कुल 44,433 टीचिंग पदों को भरेगी। इसमें 39,366 नई पोजीशन शामिल हैं, और दिसंबर 2025 तक खाली होने वाले 5,067 पदों को भी भरा जाएगा। यानि, हर साल लगभग 15,000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

अब क्लास 10 तक सभी को मुफ्त किताबें:

अभी तक कक्षा 8 तक और SC/ST छात्रों के लिए कक्षा 9 और 10 तक मुफ्त किताबें मिलती थीं। लेकिन अब से, कक्षा 10 तक के सभी छात्रों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी। इसके अलावा, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की तर्ज पर अपग्रेड किया जाएगा, और पाठ्यपुस्तक प्रकाशन एवं विपणन निदेशालय को भी और मज़बूत किया जाएगा।

छात्रों के स्वास्थ्य का भी रखा जाएगा ध्यान:

छात्रों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए, हर 300 हॉस्टल छात्रों के लिए एक ANM या बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाएगी। वहीं, नए निजी स्कूलों के लिए सभी तरह की मंजूरी अब पूरी तरह से ऑनलाइन सिस्टम के ज़रिए ही दी जाएगी।

आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर खास ज़ोर:

मुख्यमंत्री ने आदिवासी बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने के महत्व पर भी ज़ोर दिया। इस पहल का समर्थन करने के लिए, SCSTRTI के सहयोग से कोरापुट में एक बहुभाषी शिक्षा केंद्र (Multilingual Education Centre) स्थापित किया जाएगा। साथ ही, विशेष शिक्षा में B.Ed डिग्री वाले प्रशिक्षित शिक्षकों को विभिन्न क्लस्टरों में रिसोर्स पर्सन के तौर पर नियुक्त किया जाएगा, ताकि समावेशी शिक्षा (inclusive education) को बढ़ावा मिले।

--Advertisement--