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Up Kiran, Digital Desk: भारत की सांस्कृतिक विविधता और उत्सवप्रियता को एक बार फिर जीवंत करने वाला पर्व, शारदीय नवरात्रि 2025, इस वर्ष 22 सितंबर से आरंभ हो रहा है। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि समाज में आपसी जुड़ाव, ऊर्जा और प्रेरणा का माध्यम बनता है। देशभर में देवी आराधना के साथ सामाजिक, आध्यात्मिक और आर्थिक गतिविधियों में नई गति देखी जाती है।

हर वर्ग के लिए है विशेष महत्व

नवरात्रि केवल धार्मिक परंपराओं का हिस्सा नहीं, बल्कि हर आयु वर्ग और समुदाय के लिए उत्साह, अनुशासन और आत्मविकास का प्रतीक है। बच्चों के लिए यह संस्कारों का सिखावन बनता है, युवाओं में ऊर्जा और उद्देश्य का संचार करता है, वहीं बुजुर्गों के लिए यह समय भक्ति और आत्मिक संतोष का माध्यम बनता है। महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में भी यह पर्व विशेष महत्व रखता है, क्योंकि देवी के हर रूप में शक्ति और स्वतंत्रता का संदेश निहित होता है।

शुभ संयोगों से विशेष बनेगा पहला दिन

इस बार नवरात्रि की शुरुआत एक विशेष ज्योतिषीय संयोग के साथ हो रही है। ब्रह्म योग, शुक्ल योग और महालक्ष्मी राजयोग जैसे शुभ योग पहले ही दिन बन रहे हैं, जो पूरे नौ दिनों को और भी प्रभावशाली बना देते हैं। धार्मिक दृष्टि से यह संयोग पूजा-पाठ के लिए अत्यंत फलदायी माने जाते हैं। साथ ही, ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि यह योग जीवन के अलग-अलग पहलुओं जैसे करियर, वित्त, स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

जिन राशियों को मिलेगा विशेष फल

मेष राशि

इस नवरात्रि मेष राशि के लोगों के लिए कई बंद दरवाजे खुलने के संकेत मिल रहे हैं। रुके हुए कार्यों में गति आएगी, आत्मविश्वास बढ़ेगा और करियर में नई दिशा दिख सकती है। पारिवारिक जीवन में सामंजस्य बना रहेगा और व्यापार में उन्नति के अवसर बन सकते हैं।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए यह समय वित्तीय दृष्टि से काफी लाभकारी हो सकता है। वाहन, संपत्ति और निवेश संबंधी मामलों में सफलता के संकेत हैं। साथ ही, वैवाहिक और प्रेम संबंधों में मधुरता और स्थायित्व आने की संभावना है।

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए यह नवरात्रि आर्थिक स्थिरता और मानसिक संतुलन दोनों का अवसर लेकर आई है। आय के नए स्रोत बन सकते हैं और नौकरी में पदोन्नति या मान-सम्मान की प्राप्ति संभव है। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह समय विशेष सफलता का सूचक है।