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Up Kiran, Digital Desk: बच्चे अक्सर छोटी-छोटी बातों पर अड़ने लगते हैं। कभी सड़क पर लेट जाते हैं, कभी किसी चीज़ को पाने के लिए खाना-पीना तक छोड़ देते हैं। इस स्थिति में अक्सर माता-पिता सोचते हैं कि बच्चा "ऐसा ही है", लेकिन असल में इसके पीछे पालन-पोषण की कुछ गलतियां जिम्मेदार होती हैं। चिकित्सकों के अनुसार, अगर आप इन 4 गलतियों से बचते हैं, तो बच्चे की अड़ियल प्रवृत्ति कम की जा सकती है।

क्यों बनता है बच्चा अड़ियल?
चिकित्सक बताते हैं कि बच्चे का व्यवहार पूरी तरह से माता-पिता की परवरिश पर निर्भर करता है। अक्सर माता-पिता अनजाने में कुछ ऐसी आदतें अपनाते हैं जो बच्चे को अड़ियल बना देती हैं।

बहुत ज्यादा आदेश देना
जब माता-पिता बच्चे को हर बात पर "मत करो", "वहां मत जाओ" या "अभी सुनो" जैसी हिदायतें देते हैं, तो यह बच्चे पर दबाव डालता है। बच्चे का दिमाग तुरंत किसी नियंत्रण को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होता, इसलिए वह स्वाभाविक रूप से विरोध करने लगता है और अड़ियल व्यवहार दिखाता है।

अपनी बात पर अडिग न रहना
जब माता-पिता कभी किसी बात को हां कहते हैं और कभी उसी बात पर गुस्सा होते हैं, तो यह बच्चों को भ्रमित कर देता है। अगर आप अपने मूड के अनुसार नियम बदलते रहते हैं, तो बच्चा और ज्यादा परेशान और अड़ियल हो जाता है।

भावनाओं को नजरअंदाज करना
जब बच्चा दुखी या नाराज होता है और आप सिर्फ उसका व्यवहार सुधारने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो बच्चा आपकी बात सुनना बंद कर देता है। इसलिए बच्चे की भावनाओं को समझना और उन्हें महत्व देना बेहद जरूरी है।

बहुत ज्यादा स्क्रीन समय
जब बच्चे को अत्यधिक स्क्रीन समय दिया जाता है, जैसे टीवी, मोबाइल या टैबलेट पर अधिक समय तक ध्यान लगाना, तो वह काल्पनिक दुनिया में खो जाता है। इससे बच्चा असल जीवन को बोर और धीमा महसूस करने लगता है, सामान्य गतिविधियों में रुचि कम हो जाती है और अड़ियलपन बढ़ने लगता है।

अड़ियल बच्चे से कैसे निपटें

सुनें, बहस न करें: बच्चे की बात समझने की कोशिश करें।

समझने की कोशिश करें: जानने की कोशिश करें कि बच्चा क्यों अड़ा हुआ है।

विकल्प दें, आदेश नहीं: "ऐसा करो या वैसा करो" जैसे सीमित विकल्प प्रस्तुत करें।

शांत रहें: बच्चे पर चिल्लाएं नहीं।

भावनात्मक जुड़ाव बनाएं: बच्चे से प्रेम और समझदारी से जुड़ें।