Up Kiran, Digital Desk: क्या आपके कमर के निचले हिस्से से शुरू होकर एक दर्द की तेज लहर सी उठती है, जो कूल्हे से होते हुए सीधे पैर तक जाती है? क्या यह दर्द इतना असहनीय हो जाता है कि आपका उठना-बैठना और चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है? अगर हां, तो आप सायटिका (Sciatica) नामक एक बेहद तकलीफदेह समस्या से जूझ रहे हैं।
यह दर्द सायटिक नर्व (sciatic nerve) के दबने या उसमें जलन होने के कारण होता है, जो हमारे शरीर की सबसे लंबी नर्व है। आधुनिक जीवनशैली, घंटों तक एक ही जगह बैठे रहना, गलत पोस्चर और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण यह समस्या युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। दर्द निवारक गोलियां आपको अस्थायी राहत तो दे सकती हैं, लेकिन इस दर्द से स्थायी छुटकारा पाने का सबसे प्रभावी और प्राकृतिक तरीका योग है। योग न केवल मांसपेशियों को आराम देता है, बल्कि रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को भी बढ़ाता है और दबी हुई नस को राहत पहुंचाता है।
1. मार्जरीआसन-बिटिलासन (Cat-Cow Pose)
यह दो आसनों का एक संयोजन है जो रीढ़ की हड्डी के लिए एक बेहतरीन वार्म-अप की तरह काम करता है। यह रीढ़ के लचीलेपन को बढ़ाता है, पीठ के निचले हिस्से में तनाव को कम करता है और सायटिक नर्व में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है।
कैसे करें:अपने घुटनों और हथेलियों के बल आ जाएं, जैसे एक बिल्ली की मुद्रा होती है।
सांस अंदर लेते हुए अपनी कमर को नीचे की ओर झुकाएं, पेट को जमीन की तरफ ले जाएं और सिर ऊपर उठाएं (यह 'काउ' या गाय की मुद्रा है)।
सांस छोड़ते हुए अपनी रीढ़ को ऊपर की ओर गोल करें, ठुड्डी को छाती से लगाएं और नाभि को अंदर की ओर खींचे (यह 'कैट' या बिल्ली की मुद्रा है)।
इस प्रक्रिया को 10-15 बार धीरे-धीरे और अपनी सांसों के साथ समन्वय बनाकर दोहराएं।
2. भुजंगासन (Cobra Pose): यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने और सायटिका के कारण होने वाली अकड़न को दूर करने के लिए उत्कृष्ट है। यह पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को एक कोमल खिंचाव देता है और रीढ़ की हड्डी के एलाइनमेंट को सुधारता है।
कैसे करें:पेट के बल लेट जाएं, पैर सीधे और माथा जमीन पर रखें।
अपनी हथेलियों को अपने कंधों के ठीक नीचे रखें।
सांस भरते हुए धीरे-धीरे अपनी छाती और सिर को ऊपर उठाएं। अपनी नाभि तक का हिस्सा ही उठाएं।
इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस नीचे आ जाएं।
3. एक पाद राजकपोतासन (Pigeon Pose): कबूतर मुद्रा सायटिका के दर्द के लिए सबसे असरदार आसनों में से एक मानी जाती है। यह सीधे आपके कूल्हों के डीप रोटेटर मसल्स को निशाना बनाती है, जहां अक्सर सायटिक नर्व पर दबाव पड़ता है। यह हिप्स के तनाव को रिलीज करने में मदद करती है।
कैसे करें:अपने हाथों और घुटनों के बल आ जाएं।
अपने दाहिने घुटने को आगे लाते हुए अपनी दाहिनी कलाई के पीछे रखें।
अपने बाएं पैर को सीधा पीछे की ओर फैलाएं।
धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को अपनी दाहिनी पिंडली के ऊपर झुकाएं। आपको अपने दाहिने कूल्हे में गहरा खिंचाव महसूस होगा।
इस मुद्रा में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकें और फिर दूसरी तरफ से दोहराएं।
4. बालासन (Child's Pose): यह एक आरामदायक मुद्रा है जो पूरे शरीर, विशेषकर पीठ और कूल्हों के तनाव को दूर करने में मदद करती है। जब सायटिका का दर्द बहुत तेज हो, तो यह आसन तुरंत राहत पहुंचा सकता है।
कैसे करें:वज्रासन में बैठ जाएं।
सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें, जब तक कि आपका माथा जमीन पर न लग जाए।
अपने हाथों को अपने शरीर के बगल में सीधा रखें, हथेलियां ऊपर की ओर।
इस शांत मुद्रा में 1 से 3 मिनट तक बने रहें और गहरी सांसें लेते रहें।
5. सेतु बंधासन (Bridge Pose): यह आसन पीठ, कूल्हों और हैमस्ट्रिंग को मजबूत करता है। यह रीढ़ की हड्डी को सहारा देने वाली मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे सायटिक नर्व पर दबाव कम होता है।
कैसे करें:पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर कूल्हे-चौड़ाई की दूरी पर रखें।
सांस भरते हुए धीरे-धीरे अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर उठाएं।
अपनी छाती को अपनी ठुड्डी की ओर उठाने की कोशिश करें।
30 सेकंड तक रुकें और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आ जाएं।
सावधानी: यदि आपका दर्द बहुत गंभीर है, तो किसी भी योग को करने से पहले डॉक्टर या किसी प्रमाणित योग गुरु से सलाह अवश्य लें। इन आसनों को धीरे-धीरे और अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही करें।
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