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Up Kiran, Digital Desk: करवा चौथ को अक्सर महिलाओं के व्रत और पूजा से जोड़ा जाता है, लेकिन सच्चाई ये है कि इस दिन पति की जिम्मेदारी भी कम नहीं होती। जहां एक ओर पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती है, वहीं पति का भी कर्तव्य है कि वह इस प्रेम और त्याग को पूरी संवेदनशीलता से समझे।

पति की लापरवाही बन सकती है रिश्तों में दरार

इस खास मौके पर अगर पति ने पत्नी के जज्बे को न समझा या उपवास को हल्के में ले लिया, तो इसका असर सिर्फ रिश्ते पर नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी पड़ सकता है। पंडित शशिशेखर त्रिपाठी के अनुसार, करवा चौथ पर पत्नी के व्रत को नज़रअंदाज़ करना गणपति की नाराज़गी को भी आमंत्रित कर सकता है।

अगर पति ने कर दी ये 5 गलतियां, तो बिगड़ सकता है गणपति का मूड

1. पूजा-पाठ में न करें ढिलाई

पति को चाहिए कि करवा चौथ की पूजा में पूरी श्रद्धा से भाग लें। अगर वे इसे एक औपचारिकता मानकर निपटाते हैं या पूजा में ध्यान नहीं देते, तो यह पत्नी की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है और धार्मिक दृष्टि से भी अनुचित माना जाता है।

2. किसी और से तुलना? बिल्कुल नहीं!

इस दिन पत्नी की तुलना किसी और महिला से करना गंभीर गलती हो सकती है। जब एक स्त्री अपने पति के लिए उपवास रखती है, तो वह संपूर्ण समर्पण का प्रतीक होती है। किसी और का उदाहरण देना या तुलना करना न केवल उसकी भावनाओं को आहत कर सकता है, बल्कि यह आध्यात्मिक दृष्टि से भी अशुभ माना जाता है।

3. निगेटिव बातें पूरी तरह से बंद

करवा चौथ जैसे खास मौके पर नकारात्मकता फैलाना या तनावपूर्ण बातें करना वातावरण को खराब कर सकता है। पति को चाहिए कि वे खुशमिजाज रहें ताकि पत्नी का मनोबल बना रहे और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

4. पूजा की तैयारी में दिखाएं दिलचस्पी

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री समय से पहले तैयार रखना भी पति की जिम्मेदारी है। अगर पूजा में कोई चीज़ कम रह जाए तो इसका असर पत्नी के मन पर पड़ सकता है और धार्मिक रूप से भी यह अच्छा संकेत नहीं माना जाता।

5. पूजा के दौरान न करें अनावश्यक हस्तक्षेप

पत्नी की पूजा और व्रत की प्रक्रिया में बार-बार दखल देना ठीक नहीं है। इससे उसका ध्यान भटक सकता है और पूजा की शुद्धता में बाधा आ सकती है, जो कि गणपति को अप्रसन्न कर सकता है।