
Up Kiran, Digital Desk: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कैंसर एक ऐसी बीमारी बन गई है जिसका नाम सुनते ही मन में डर बैठ जाता है। यह दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि हमारी डाइट और जीवनशैली का हमारी सेहत पर बहुत गहरा असर पड़ता है। पौष्टिक फलों, सब्जियों और अनाज के साथ-साथ, हमारी रसोई में मौजूद कुछ पारंपरिक डेयरी प्रोडक्ट्स भी कुछ तरह के कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
1. दही: दही सिर्फ खाने में स्वादिष्ट नहीं होता, बल्कि यह प्रोबायोटिक्स यानी 'अच्छे वाले बैक्टीरिया' का खजाना है। ये बैक्टीरिया हमारे पेट और आंतों को स्वस्थ रखते हैं। जब हमारा पेट स्वस्थ रहता है, तो शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत (इम्युनिटी) भी मज़बूत होती है। एक मज़बूत इम्यून सिस्टम कोलन कैंसर जैसे कुछ कैंसर के ख़तरे को कम करने में मदद करता है।
2. छाछ: गर्मी में ठंडक देने वाली छाछ भारतीय घरों का एक अहम हिस्सा है। इसमें फैट कम होता है और यह प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम और विटामिन से भरपूर होती है। छाछ शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ पाचन में मदद करती है और शरीर से गंदगी बाहर निकालने का काम भी करती है। यह शरीर की अंदरूनी सूजन को कम कर सकती है और हमें कैंसर पैदा करने वाले हानिकारक तत्वों से बचा सकती है।
3. पनीर: पनीर प्रोटीन और कैल्शियम का एक बेहतरीन स्रोत है। इसके अलावा, इसमें सेलेनियम नाम का एक तत्व भी पाया जाता है। सेलेनियम एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारे शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है। कोशिकाओं को स्वस्थ रखकर, यह कैंसर की रोकथाम में एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
4. घी: घी का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है। सही मात्रा में सेवन करने पर, घी से हमें कॉन्जुगेटेड लिनोलेइक एसिड (CLA) मिलता है। कुछ स्टडीज़ में यह बात सामने आई है कि इस तत्व में कैंसर-रोधी गुण हो सकते हैं। घी शरीर को दूसरे खाने में मौजूद विटामिन और मिनरल्स को सोखने में भी मदद करता है, जिससे शरीर को पोषण बेहतर तरीके से मिलता है।
5. दूध: दूध कैल्शियम और विटामिन डी का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है। ये दोनों पोषक तत्व न सिर्फ हड्डियों के लिए ज़रूरी हैं, बल्कि कुछ अध्ययनों के अनुसार, ये कोलन (आंत) के कैंसर से बचाने में भी सहायक हो सकते हैं। गाय के दूध का सीमित मात्रा में सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है।
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