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Up Kiran, Digital Desk: हिंदू धर्म में साल में तीन बार तीज का उत्सव मनाया जाता है हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज। इनमें भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष तृतीया को कजरी तीज के नाम से जाना जाता है। यह दिन खासतौर पर विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस व्रत से पति की आयु लंबी होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं, जो लड़कियां शादी के योग्य वर की कामना करती हैं, वे भी इस दिन व्रत रखती हैं। कजरी तीज पर देवी पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
कजरी तीज कब मनाई जाएगी?
इस वर्ष कजरी तीज 12 अगस्त को आएगी। इस दिन भक्तजन भगवान शिव और माता पार्वती को अर्घ्य देते हुए व्रत रखते हैं।
व्रत के दौरान किन बातों का रखें ध्यान?
कजरी तीज के दिन झूला झूलना अनिवार्य माना जाता है। ऐसा न करने से व्रत अधूरा रह जाता है। व्रत के दिन सफेद या काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए।
दिन में सोना वर्जित है। इस दिन क्रोध या नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए। तनाव और गुस्सा व्रत को प्रभावित कर सकता है। नाखून काटना या बाल काटना इस दिन अशुभ होता है।
कजरी तीज के दिन बाल धोना भी उचित नहीं माना जाता क्योंकि इससे परिवार में कलह की संभावना बढ़ती है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है, यानी न जल का सेवन करना चाहिए और न ही कोई भोजन।
व्रत के समय कथा सुनना या पढ़ना आवश्यक है। कथा पढ़े बिना व्रत का फल प्राप्त नहीं होता। पारण से पहले दान जरूर देना चाहिए। इसके बाद 3 या 5 कन्याओं को भोजन कराना शुभ माना जाता है। झाड़ू लगाने या झाड़ू छूने से बचें क्योंकि ऐसा करने से आर्थिक नुकसान हो सकता है।
कजरी तीज का व्रत अपनी पारंपरिक मान्यताओं और रीति-रिवाजों के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन का पालन न केवल धार्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है, बल्कि यह परिवार में सौहार्द और प्रेम बनाए रखने में भी सहायक होता है। इसलिए अगर आप भी इस व्रत को रखने जा रहे हैं, तो ऊपर बताई गई बातों का खास ध्यान रखें ताकि व्रत पूर्ण रूप से सफल हो और आपको मनोकामनाएं पूर्ण हों।
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