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toxic supplements for liver: आजकल सेहत को लेकर लोग पहले से कहीं ज्यादा सजग हैं। सवेरे सवेर जिम, योग और हेल्दी डाइट के साथ-साथ सप्लीमेंट्स का चलन भी आम हो गया है। विटामिन टैबलेट्स, प्रोटीन पाउडर, हर्बल कैप्सूल और ग्रीन टी सब कुछ तेजी से घरों में जगह बना चुके हैं। मगर क्या कभी आपने सोचा है कि ये हेल्दी दिखने वाले सप्लीमेंट्स अगर जरूरत से ज्यादा लिए जाएं, तो ये आपके लिवर के लिए धीमा जहर साबित हो सकते हैं?

हमारा लिवर (यकृत) शरीर की सबसे अहम ग्रंथियों में से एक है। ये ब्लड को फिल्टर करता हैय़ टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और मेटाबॉलिज्म को संतुलित करता है। मगर जब हम इसे बार-बार अलग-अलग सप्लीमेंट्स से ओवरलोड कर देते हैं, तो ये अंग कमजोर होने लगता है। आइए जानते हैं कौन से सप्लीमेंट्स हैं जो लिवर डैमेज का कारण बन सकते हैं।

पहली चीज

विटामिन A हमारी आंखों और स्किन के लिए फायदेमंद होता है, मगर इसकी हाई डोज़ फैटी लिवर और यहां तक कि लिवर फेलियर का कारण बन सकती है। डॉक्टर्स के अनुसार, ये केवल जरूरत और डॉक्टर की सलाह पर ही लिया जाना चाहिए।

दूसरी चीज

नियासिन कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है, मगर अगर इसकी मात्रा 500 मिलीग्राम प्रतिदिन से अधिक हो जाए तो यह लीवर एंजाइम्स को असामान्य रूप से बढ़ा सकता है और हेपेटाइटिस जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।

तीसरी चीज

हड्डियों और मस्तिष्क के लिए उपयोगी विटामिन D को ज्यादा मात्रा में लेना भी नुकसानदेह है। यह शरीर में कैल्शियम असंतुलन और लिवर पर दबाव पैदा कर सकता है। इसलिए 1000–2000 IU से अधिक खुराक डॉक्टर की अनुमति के बिना न लें।

चौथी चीज

ग्रीन टी को अक्सर 'सुपरफूड' माना जाता है, मगर इसमें मौजूद कैटेचिन्स की अधिक मात्रा लिवर टॉक्सिसिटी का कारण बन सकती है। ग्रीन टी पीना फायदेमंद है, मगर अगर आप इसे कैप्सूल या एक्सट्रेक्ट के रूप में लेते हैं, तो खुराक को लेकर सतर्क रहना जरूरी है।

पांचवी चीज

एलोवेरा आमतौर पर प्राकृतिक और सेफ माना जाता है। मगर कुछ परिस्थितियों में लिवर डैमेज और यहां तक कि कैंसर से भी जुड़ा पाया गया है। खासकर जब इसका सेवन पूरी पत्ती के अर्क के रूप में किया जाए। जीवों पर हुए अध्ययन इसकी पुष्टि करते हैं।

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