
Up Kiran, Digital Desk: घर का सपना पूरा करने के लिए या किसी जरूरत के वक्त कर्ज लेना एक आम बात है. लेकिन सोचिए, अगर यही कर्ज एक डरावना सपना बन जाए और रिकवरी एजेंट आपकी जिंदगी को नरक बना दें? यह अनुभव किसी के लिए भी भयानक हो सकता है, लेकिन रिसर्च और सच्ची कहानियां बताती हैं कि यह नरक महिलाओं के लिए और भी ज़्यादा भयानक और दर्दनाक बन जाता है.
कर्ज उत्पीड़न (Loan Harassment) महिलाओं को पुरुषों से अलग और कहीं ज्यादा गहरे तरीके से प्रभावित करता है. यह सिर्फ पैसों की रिकवरी का मामला नहीं रह जाता, बल्कि यह उनके सम्मान, सामाजिक प्रतिष्ठा और मानसिक शांति पर एक सीधा हमला बन जाता है.
पैसे की रिकवरी नहीं, चरित्र पर हमला
जब कोई पुरुष कर्ज नहीं चुका पाता, तो उसे धमकियां मिलती हैं. लेकिन जब कोई महिला डिफॉल्टर होती है, तो रिकवरी एजेंटों का सबसे पहला और घटिया हथियार होता है - चरित्र हनन (Character Assassination).
तस्वीरों का गलत इस्तेमाल: ये एजेंट महिला के फोन से उसकी निजी तस्वीरों को चुरा लेते हैं, उन्हें एडिट करके अश्लील बनाते हैं और फिर उसे उसकी पूरी कॉन्टैक्ट लिस्ट, यानी दोस्तों, रिश्तेदारों और सहकर्मियों को भेजने की धमकी देते हैं.
अपमानजनक भाषा: उन्हें फोन पर गंदी-गंदी गालियां दी जाती हैं और ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है जो सीधे उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए.
समाज का डर और बदनामी
हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहां आज भी महिलाओं को पुरुषों से अलग नजरिए से देखा जाता है.
"लोग क्या कहेंगे?": एक महिला के लिए यह डर कि 'अगर मेरे रिश्तेदारों को पता चल गया तो क्या होगा?' उसे मानसिक रूप से तोड़ देता है. उसे यह चिंता सताती है कि समाज उसी को गलत समझेगा.
परिवार की इज्जत: महिलाओं को अक्सर 'परिवार की इज्जत' का रखवाला माना जाता है. कर्ज न चुका पाने की स्थिति में उन्हें यह महसूस कराया जाता है कि उन्होंने अपने पूरे परिवार का नाम मिट्टी में मिला दिया है.
खामोशी का चक्रव्यूह: इन्हीं कारणों से, महिलाएं अक्सर इस उत्पीड़न के बारे में चुप रह जाती हैं. वे अपने पति या परिवार को बताने से भी डरती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सारा दोष उन्हीं पर मढ़ दिया जाएगा. यह खामोशी उन्हें और भी गहरे डिप्रेशन और अकेलेपन में धकेल देती है.
क्या करें? हिम्मत और जागरूकता ही है हथियार
अगर आप या आपके जानने में कोई भी महिला इस स्थिति से गुजर रही है, तो याद रखें:
आप अकेली नहीं हैं: यह आपकी गलती नहीं है. आप एक अपराध की शिकार हैं.
चुप न रहें: अपने किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें. हिम्मत जुटाकर इस चुप्पी को तोड़ें.
सबूत इकट्ठा करें: हर धमकी भरे कॉल, मैसेज या वॉट्सऐप का स्क्रीनशॉट लें. यह आपके लिए सबसे बड़ा हथियार है.
पुलिस में शिकायत करें: बिना डरे नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर या अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं.
कर्ज का बोझ पहले से ही बहुत ज्यादा होता है, उस पर यह उत्पीड़न किसी को भी तोड़ सकता है. लेकिन जागरूकता और सही समय पर उठाया गया कदम आपको इस जानलेवा जाल से बाहर निकाल सकता है.
--Advertisement--