Up Kiran, Digital Desk: अंक ज्योतिष में माना जाता है कि हमारे जन्म का अंक सिर्फ कैलेंडर की तारीख नहीं होता. यह हमारी सोच से लेकर जीवन की दिशा तक को प्रभावित करता है. कई लोग इसे किस्मत की भाषा भी कहते हैं. इसी कड़ी में मूलांक 7 एक ऐसा अंक है जो अपने आप में बहुत रहस्य समेटे रहता है. दिलचस्प बात यह है कि इस मूलांक वाले लोगों के लिए विवाह सिर्फ एक परंपरा नहीं होता बल्कि उन्हें नई ऊर्जा देने वाला मोड़ भी साबित होता है.
जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को होता है उनका मूलांक 7 माना जाता है. इस अंक पर केतु का असर रहता है. केतु को रहस्य, आध्यात्मिकता और भीतर की सुनने की क्षमता का सूचक माना जाता है. इसलिए इस मूलांक के लोग अक्सर गहरी सोच वाले होते हैं. ये लोग अपने ही संसार में रहते हैं और भीड़ से थोड़ा दूर रहना पसंद करते हैं. इनके भीतर एक शांत लेकिन तीव्र जिज्ञासा रहती है.
विवाह क्यों माना जाता है वरदान
अंक विद्या के अनुसार मूलांक 7 वाले लोग भावनाओं को खुद में दबा कर रखते हैं. इन्हें जीवन में संतुलन की जरूरत रहती है और विवाह वही संतुलन लेकर आता है. शादी के बाद इन्हें एक ऐसा साथी मिलता है जो इन्हें समझता है और राह दिखाता है. यह सहारा इनकी किस्मत पर असर डालता है. जब इन्हें भरोसे का अहसास होता है तब ये पूरी शक्ति के साथ अपने लक्ष्य पर ध्यान लगा पाते हैं और सफलता की राह तेज हो जाती है.
करियर में आगे बढ़ने के मौके
कई बार देखा गया है कि शादी के बाद इस मूलांक वाले लोगों के जीवन में स्थिरता आती है. यह स्थिरता आत्मविश्वास बढ़ाती है और यही आत्मविश्वास करियर में नए अवसर खुलवाता है. जीवनसाथी का प्रोत्साहन इन्हें वह बल देता है जिसकी वजह से ये अपनी मंजिल की ओर तेजी से बढ़ने लगते हैं.
स्वभाव में सकारात्मक बदलाव
मूलांक 7 वाले आमतौर पर शांत और अंतर्मुखी माने जाते हैं. पर विवाह के बाद इनमें एक बदलाव दिखने लगता है. साथी का साथ इन्हें सामाजिक बनाता है. ये लोगों से खुलकर बात करने लगते हैं. इस बदलाव से जीवन में नए रिश्ते जुड़ते हैं और नई संभावनाएं बनती हैं.
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